Sunday 9 November 2014

बिहार के राजीव प्रताप रूडी,रामकृपाल यादव और गिरिराज सिंह मंत्री बने

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की धर्मपत्नी और सुपुत्री को हराने वाले को

केन्द्रीय मंत्री का ताज


          
नयी दिल्ली। आज प्रथम बार पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। अपने लघु मंत्रिमंडल के बल पर पीएम अच्छे दिन लाने का प्रयास कर रहे थे। उससे और अधिक अच्छे दिन लाने की कवायद में 21 मंत्रियों को शामिल किया है।

राष्ट्रपति डा.प्रणव मुखर्जी ने 21 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलवायी। सबसे पहले 4 केन्द्रीय मंत्रियों को शपथ दिलायी गयी। इनके बाद 3 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों को और अंत में 14 राज्य मंत्री को शपथ दिलायी गयी।

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति और लोक सभा की अध्यक्ष मौजूद थे। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित रहे। बीजेपी के नेता और अन्य लोग उपस्थित थे।
जिन 21 मंत्रियों को साढ़े पांच माह के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। उसमें बिहार के तीन मंत्री हैं। सारण के राजीव प्रताप रूडी, नवादा के गिरिराज सिंह और पाटलिपुत्र लोक सभा के रामकृपाल यादव शामिल हैं।

केन्द्रिय मंत्री बनने पर बिहार में खुशी की लहर

केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडीः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सारण लोक सभा सीट पर परास्त कर लोक सभा में पहुंचने वाले राजीव प्रताप रूडी को द्वितीय बार केन्द्रीय मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के मंत्रिमंडल में थे। इनका संगठनकर्ता के रूप में पहचान है।


केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादवः राजद को दरकिनार करके सांसद रामकृपाल यादव बीजेपी में शामिल हुए। राजद से राज्य सभा के सदस्य थे। इसके आलोक में राजद रामकृपाल यादव को चुनावी जंग में उतारना नहीं चाहते थे। रामकृपाल चाहते थे कि पाटलिपुत्र लोक सभा की सीट से चुनाव लड़े। उस सीट पर राजद सुप्रीमो ने अपनी सुपुत्री डा. मीसा भारती को उतारना चाहते थे। इसको लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। अन्ततः रामकृपाल यादव ने राजद को छोड़क बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़कर रामकृपाल यादव ने डा.मीसा भारती को पराजित कर दिया।

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंहः नवादा लोक सभा सीट से विजयी भव होने वाले गिरिराज सिंह बड़बोल के लिए विख्यात हैं। हाल में विरोधियों को पाकिस्तान चले जाने का परामर्श दिए थे। जदयू और बीजेपी के शासनकाल में मंत्री पद सुशोभित किए। अब तीनों केन्द्रीय मंत्रियों से उम्मीद की जाती है। बिहार को हक दिलाएं। केन्द्रीय योजनाओं से अधिकाधिक लाभ दिलवाए। केन्द्र और राज्य के बीच में विवाद उत्पन्न करें। बिहारी की तरह रहकर बिहार के कल्याण और विकास करने पर ही ध्यान केन्द्रित करें।


आलोक कुमार



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