पटना। रेल किराये में वृद्धि ' देश हित में उठाया गया कठोर कदम ' है। केंद्र सरकार ने रेल भाड़े में वृद्धि का ऐलान कर दिया है। रेल मंत्रालय के ऐलान के बाद मालभाड़े में करीब 6.4 फीसद की वृद्धि की गई है और रेल किराए को 14.2 फीसद बढ़ा दिया गया है। बढ़ा हुआ रेल किराया 25 जून से लागू हो जाएगा। इसकी घोषणा रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने की है।
आज
रेलवे धन की
कमी से जूझ
रही है। पूंजी
जुटाने के लिए
यात्री किराए एवं मालभाड़े
में बढ़ोतरी का
प्रस्ताव लंबित था , सरकार
के आज के
इस कदम से
रेलवे को तकरीबन
800 करोड़ का लाभ
होगा , जो की
देश की वर्तमान
स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के
लिए आवश्यक है।
' यूपीए सरकार ने यह
वृद्धि करने की
घोषणा की थी
लेकिन चुनाव घोषित
होने के बाद
इसको लागू नहीं
किया गया था। '
देशवासियों
को समय - समय
पर नेताओं के
द्वारा नारा दिया
जाता है। उस
नारा के मायावी
जाल में लोग
उलझकर रह जाते
हैं। गरीबी दूर
करना। संपूर्ण क्रांति।सामाजिक
न्याय।फील गुड। सुशासन
सरकार।भारत नव निर्माण के
बाद बीजेपी ने
अब अच्छे दिन
आएंगे का नारा
बुलंद किया। अब
अच्छे दिन आएंगे
की राह मजबूूती
करने के संदर्भ
में रेल किराये
में भारी वृ़िद्ध
के विरोध में
स्वर मुखरित होने
लगे। आज का
दिन प्रधानमंत्री और
बीजेपी के लिए
ब्लैक फ्राइडे साबित
हुआ। प्रधानमंत्री की
कुर्सी संभालने के बाद
पहली बार बिहार
में पीएम नरेन्द्र
मोदी जी का
पुतला फूंका गया।
यह कारनामा पटना
के कारगिल चौक
में किया गया।
वहीं बिहार प्रदेश
युवा कांग्रेस के
उपाध्यक्ष कुमार आशीष ने
कहा कि बिहार
प्रदेश युवा कांग्रेस
ने नरेंद्र मोदी
की सरकार के
द्वारा अप्रत्याशित रेल किराये
बढ़ाने के विरोध
में कल शनिवार
को पूरे प्रदेश
में मोदी और
रेल मंत्री का
पुतला दहन करेगी
और २३ जून
को एक दिवसीय
जिला स्तरीय रेलवे
प्लेटफार्म के समक्ष
धरना देगी। आम
लोगों का आह्वान
किया गया है
कि इस आंदोलन
में भाग लेकर
आंदोलन को धारधार
बनायंे।
रेल
किराये में बढ़ोतरी
करने पर प्रतिक्रिया
स्वरूप गणेश तिवारी
कहते हैं कि
दावे के मुताबिक
चुनाव अभियान के
दौरान उस समय
के पीएम पद
के दावेदार ने
चार हजार से
अधिक सभाओं को
सम्बोधित किया तो
कम कम बीस
हजार बार महंगाई
की चर्चा होगी।
दावे ऐसे कि
बस पीएम बना
दो महंगाई ख़त्म।
लेकिन पीएम बनते
ही कहर ढाना
शुरू हो गया
है। रेल यात्री
किराया , माल भाड़ा
बढ़ा दिए। अब
तो महंगाई को
पंख लग जाएंगे।
मोतियाबिंद के शिकार
मोदी भक्तों को
इसमें भी अच्छा
ही नजर आएगा ,
रेलवे में शत - प्रतिशत एफडीआई भी
शीघ्र ही हो
जाएगा। रेल जब
निजी हाथों में
होगा तो किराए - भाड़े की
स्थिति क्या होगी
इसका अंदाजा सहज
ही लगाया जा
सकता है। अम्बानी
को गैस की
कीमत बढ़ाने की
अनुमति कितनी जल्दी दी
गई - सबको मालूम
है। सीएजी नाटक
करेगा तो पद
और प्रक्रिया को
ख़त्म कर देने
में इनको कितना
समय लगेगा। अच्छा
हुआ ' अच्छे दिन
जल्दी - जल्दी आ
रहे हैं ' ।
बिहार
एथलेटिक एसोसिएशन के मीडिया
प्रभारी ऋषिकेश नारायण सिंह
ने कहा कि
रेल किराया बढ़ाना
जनविरोधी कदम नहीं
है , जनविरोधी कदम
सुविधा कम करना
है। अगर रेवले
का इतिहास देखा
जाये तो रेलवे
ने लगातार सुविधा
में कटौती की
है। रेलवे का
असली गुनाह सुविधा
कम करना है ,
किराया बढाना तो व्यावसायिक
कदम है। मोदी
सरकार को किराया
बदहने के साथ - साथ सुविधा
बढाने की भी
घोषणा करनी चाहिए
थी। सिर्फ किराया
बढ़ाने की घोषणा
उचित नहीं है।
आम
लोगों का मत
यह भी है
कि नीतीश कुमार , लालू प्रसाद
यादव , ममता बनर्जी
और पवन बसंल ने
भारतीय रेल को
जर्जर बनाया है
। इनके कार्यकाल
में रेलवे मंत्रालय
को क्षेत्रीय बनाकर
रख दिया गया।
रेल मंत्री क्षेत्रवाद
के जाल में
फंसकर रह गए।
अब कयास लगाया
जा रहा है
कि मोदी सरकार
और रेलमंत्री मिलकर
रेलवे मंत्रालय में
आवश्यक सुधार लाकर रेलवे
टिकट सबके लिए
हर वक्त उपलब्ध
करवाएंगे। दो महीने
पहले रिजर्वेशन कराने
से मुक्ति देंगे।
टिकट दलालों से
देश की जनता
को मुक्ति दिलवाएंगे।रेल
गाड़ियों की संख्या
में वृद्धि करवाएंगे।रेल
टाइम पर चलवाएंगे।
ट्रेन में मिलने
वाले खाने को
बेहतर से बेहतर
उपलब्ध करवाएंगे। हमारी रेल
यात्रा सुरक्षित करवाने में
सफल होंगे। किसी
हादसे के बाद
रेल मंत्री जिम्मेदारी
लेकर इस्तीफा देंगे
और रेलवे स्टेशन
पर कुलियों और
दलालों से मुक्ति
दिलवाएंगे।
महरूम
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने
25 जून 1975 की रात
में आपातकालीन स्थिति
की घोषणा की
थीं। नव निर्वाचित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
रेल भाड़ा में
बढ़ोतरी कर लोगों
के साथ अन्याय
किया है। मोदी
सरकार ने रेल
किराए में 14.2 प्रतिशत
और माल भाड़ा
में 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
कर दी गयी
है। इसे 25 जून
2014 से लागू किया
जाएगा। तब सभी
लोगों ने आपातकालीन
स्थिति की आलोचना
किए थे। इसी
के साथ सत्ता
परिवर्तन भी हुआ
था। अभी मोदी
सरकार ने कांग्रेस
को पटकनी देकर
सत्तासीन हुए हैं।
फिर भी आवाज
बुलंद कर ही
सकते हैं। कि
आने वाले दिन
अच्छे नहीं होने
वाले है।
Alok
Kumar
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