Wednesday 26 November 2014

जब वाटर सलाइन चढ़ाने वाली नर्सेस को ही सलाइन चढ़ाना पड़ गया


धरना स्थल पर ही पानी चढ़ाया गया

चिकित्सक मुंह भी दिखाने नहीं आए

पटना। बिहार अनुबंधित परिचारिका श्रेणी एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताल जारी है। 20 नवम्बर से 3 सूत्री मांग को लेकर पीएमसीएच परिसर में राज्य की परिचारिकाएं हड़ताल पर हैं। 24 घंटे मांगों के समर्थन में नाराबाजी कर रही हैं। सरकार की ओर पहल नहीं होने से स्वास्थ्य सेवा चरमरा गयी है। जो नर्सेंस हॉस्पिटलों में सेवा करने के दौरान कलतक मरीजों को वाटर सलाइन चढ़ाती थीं। आज उनको ही खुद ही सलाइन चढ़वाने की जरूरत पड़ गयी है। धरना स्थल पर ही सावित्री कुमारी,नीलम कुमारी और कमली कुमारी को सलाइन चढ़ाया जा रहा है। इनको ठंड लगने की शिकायत है। सिर में तेज दर्द भी है।

बिहार अनुबंधित परिचारिका श्रेणी एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी कहती हैं कि हमलोग सरकारी खेल के शिकार हो गए हैं। संविदा पर बहाल परिचारिकाओं को स्थायीकरण करने की एकलौता मांग को लेकर 12 सितम्बर 2014 से हड़ताल पर थे। स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव ने आश्वासन दिए थे। केवल इंटरव्यू लिया जाएगा। मगर बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने संविदा पर बहाल पर कार्यरत नर्सेंस को फेल करार दिए है। खुद ही फेल हो गयी हैं। महादलित समुदाय के मुख्यमंत्री के राज में सूबे आरक्षित कोटे को ही नहीं भरा गया। इसके कारण नर्सेंस को परेशानी हो रही है। हमलोग हड़ताल पर हैं। 24 घंटे हड़ताल पर डटे रहने के कारण नर्सेंस बीमार होने लगी है। ठंड लगने से तीन नर्सेंस को सलाइन चढ़ाना पर गया है। कोइे चिकित्सक कुशलक्षेम जानने भी नहीं आए। हड़ताल को विस्तार देने के उद्देश्य से चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। पीएमसीएच से कारगिल चौक तक जाकर कैंडिल लाइट की थी। मुंह पर काला कपड़ा बांध रखी थीं। वहीं परिचारिकाओं ने मानव ऋखंला बनाया। पीएमसीएच के अधीक्षक,प्राचार्य और मुख्य मार्ग पर हाथ पकड़कर परिचारिकाओं ने एकता का परिचय दिया। इस अस्पताल के तमाम नर्सों का सहयोग मिल रहा है।


आलोक कुमार

No comments: