पूर्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी
ने कहा - जीतन
जी सीएम की
कुर्सी अब आपकी
है। इस पर
आप बैठ जाईए ..... । आज
से यह कुर्सी
आपकी है ..... ।
इस बात पर
यकीन नहीं हुआ ... । मैंने
कहा कि वर्ष
2007 में पर्वत पुरूष दशरथ
मांझी को ( एक
घंटें के लिए )
मुख्यमंत्री की कुर्सी
तो नहीं दे
रहे। इस पर
उन्होंने कहा कि
शेष समय के
लिए आप पद
संभालिए। उसी समय
से चुनौती स्वीकार
कर लिये हैं।
राष्ट्रीय
मुसहर - भुईया विकास परिषद
के द्वारा आयोजित
अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री
जीतन राम मांझी
आगे कहा कि
आज मुख्यमंत्री की
कुर्सी पर नहीं
बैठे रहते। राज्य
सभा उपचुनाव में
यदि पार्टी उम्मीदवार
की हार होती ,
तो आज मैं
मुख्यमंत्री नहीं रहता।
राज्यसभा उपचुनाव में नीतीश
कुमार ने वैसे
लोगों से भी
बात की , जिनसे
बात करना सम्मानजनक
नहीं था। मुझे
पद पर बनाये
रखने के लिए
उन्होंने सबसे संर्पक
किया। उन्होंने कहा
कि जब नीतीश
कुमार मुझे कहा
था कि वह
चट्टान की तरह
उनके साथ रहेंगे।
जदयू को मिला
18 प्रतिशत वोट का
तीसरा हिस्सा आपका
है। मुख्यमंत्री ने
कहा कि इस
बार के चुनाव
में अगड़ा और
पिछड़ा वोट बंट
गया , जिस अति
पिछड़े के विकास
के लिए नीतीश
कुमार ने इतना
काम किया , वह
भी वोट नहीं
मिल सका। 122 सदस्यों
के समर्थन का
इंतजाम किया। जीत मिल
गयी। जीतन राम
का कोई भी
बाल भी बांका
नहीं कर सकता
है। यह भी
कि शोषित - पीड़ित
के विरूद्ध कोई
हाथ उठाना चाहेगा ,
तो एक बार
सोचेगा कि इसके
परिवार का मुख्यमंत्री
है। कैसे हाथ
उठाएं।
महादलित
के हर आवासहीन
व्यक्ति को सरकार
3 डिसमिल जमीन देगी।
जमीन पांच हजार
रू . में मिले
अथवा पांच लाख
में मिले। हर
हाल में आवासहीनों
को 3 डिसमिल जमीन
देने को कृतसंकल्प
है। महादलित अंधविश्वास
और जन्म भूमि
के मोह को
त्यागे। जिधर जमीन
है , वहां पर
जाकर रहने को
तैयार रहे। वहां
बेहतर सुविधा उपलब्ध
करा दी जाएगी।
रोड , बिजली , पानी , रोजगार आदि उपलब्ध
रहेंगे।सरकार जमीन अधिग्रहण
करने को भी
तैयार है।
टोला
सेवक और विकास
मित्र के बारे
में कहे कि
गांवघर में
आपकी भूमिका अग्रहणी
है। सरकार और
जनता के बीच
में सेतु का
कार्य करते हैं।
मानदेयभोगी न होकर
समाजसेवी की भूमिका
में कार्य करें।
सरकार उनके हितों
का ध्यान रख
रही है। गांव
के हजारों लोग
महादलित आयोग और
अनुसूचित जाति आयोग
में आवेदन देकर
कहे कि टोला
सेवक और विकास
मित्र बेहतर ढंग
से कार्य कर
रहे हैं , तो
मानदेय और उम्र
सीमा में बढ़ोतरी
कर देंगे। सीएम
ने स्वीकारा कि
सरकारी विघालयों में शिक्षा
की स्थिति बहुत
अच्छी नहीं है।
ऐसे में गरीब
के बच्चों व
महिलाओं को शिक्षित
बनाने की महती
भूमिका टोला सेवक
की है। अब
से सरकारी विघालय
में 75 प्रतिशत उपस्थिति के
अनिवार्यता को हटा
दिया गया। सभी
को छात्रवृति मिलेगा।
एससी - एसटी श्रेणी
की लड़कियों को
प्रथम श्रेणी से
इंटर पास करने
पर 25 हजार रूपए
देने का प्रावधान
है। अब इसके
दायरे उन जातियों
की लड़कियां आएंगी ,
जिन जातियों में
30 प्रतिशत से कम
साक्षरता है। इन
जातियों की लड़कियों
को द्वितीय श्रेणी
से इंटर पास
होन पर भी
अब 25 हजार रूपए
मिलेंगे। विघालयों का निरीक्षण
हर माह होगा।
जो शिक्षक ठीक
से नहीं पढ़ाएंगे।
उनपर कार्रवाई होगी।
टोला सेवकों को
जो शिक्षक अनावश्यक
परेशान कर आठ
घंटा काम लेते
हैं , उनके पारिश्रमिक
से पैसा काट
लेते हैं या
उनसे नाजायज पैसा
लेते हैं , उनपर
एससीएसटी एक्ट में
मुकदमा दर्ज होगा।
एससी - एसटी थानों
में दर्ज शिकायतों
की चार्ज शीट
हर हाल में
30 दिन में हो
जानी है , अन्यथा
सख्य कार्रवाई होगी।
हर थाने में
एक एससी अधिकारी
भी नियुक्त होंगे।
म्ुासहर
जाति को एसटी
का दर्जा मिल
सकता है। मुसहर
समाज के रहन - सहन व
रीति रिवाज संथाल
आदिवासी से मिलता
है। महादलित आयोग
और अनुसूचित जाति
आयोग को पहल
करनी चाहिए। मैं
मुख्यमंत्री जीतन राम
मांझी इस जाति
को आदिवासी समाज
में शामिल करने
की अनुशंसा करूंगा।
जरूरत पड़ी , तो
इसके लिए केन्द्र
सरकार से भी
बात करूंगा। इसके
लिए बड़ी संख्या
में महादलित आयोग
और अनुसूचित जाति
आयोग में आवेदन
करें।
अगर
बीपीएल सूची में
सही लोगों का
नाम छूट गए
है , तो गलत
लोगों के नाम
भी जोड़े गए
हैं। ऐसे लोगों
के नाम भी
जोड़े गए है।
ऐसे लोगों के
बारे में हमें
बिना हस्ताक्षर के
भी आवेदन करें ,
हम कार्रवाई करेंगे।
झोपड़ी में रहने
वालों को अनाज
उपलब्ध कराने का मैंने
निर्देश दिया है।
इस
अभिनंदन समारोह में सुदूर
गांव से आने
वाले महादलितों ने
समस्याओं से लबालब
आवेदनों को मुख्यमंत्री
जीतन राम मांझी
को सौंपा। दीघा
शबरी कॉलोनी के
सुधीर कुमार ने
आवेदन संग्रह किए।
आवेदनों को मुख्यमंत्री
सचिवालय के अधिकारी
को सौंप दिया
गया।
Alok
Kumar
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