पटना।
नयी दिल्ली से
आकर पटना में
प्रशिक्षण देने वाले
मल्टिपल एक्शन रिसर्च ग्रुप
मार्ग के प्रशिक्षकों
ने कहा कि
दलितों पर अत्याचार
हो रहा है।
जो संविधान में
उल्लेखकर अस्पृश्यता को समाप्त
कर दिया गया
है। आज भी
दलितों को मंदिर
में प्रवेश करने
नहीं दिया जाता
है। बेगार कार्य
करवाया जाता है।
दबंगों के द्वारा
जमीन पर कब्जा
कर लिया जाता
है। इसी सिलसिले
को आगे बढ़ाते
हुए और आंकड़ों
के सहारे बताया
गया कि 38 फीसदी
राजकीय विघालयों में अलग
से खाना बनाना
की व्यवस्था है।
35.8 फीसदी दुकानों में दलितों
को अंदर आने
पर रोक है।
33 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी दलितों के घर
में प्रवेश ही
नहीं करते हैं।
27.6 फीसदी थाने में
दलितों को आने
ही नहीं दिया
जाता है। दक्षिण
भारत में दलितों
के लिए अलग
से चर्च और
कब्रिस्थान रहता है।
समवेत स्वरों में
कहा गया कि
सभी धर्मों में
भेदभाव और जातीयता
को बोलबाला है।
कुल मिलाकर एससी/एसटी को
अलग-थलग रखकर
जिदंगी मजे में
काटने का उपाय
बना लिया गया
है। मार्ग की
अंजू तालुकदार,अम्बालिका
रॉय और राजेश
देवली ने बेहतर
ढंग से प्रशिक्षण
दे रहे हैं।
आलोक
कुमार
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