पटना।
पैक्स के द्वारा
गैर सरकारी संस्थाओं
को मुद्दा आधारित
कार्य करने के
लिए सहयोग दिया
जाता है। चयनित
गैर सरकारी संस्था भूमि अधिकार,
स्वास्थ्य, मनरेगा,शिक्षा, पोषण,कुशलता आदि मुद्दे
पर कार्य करते
हैं। गांवघर के
लोगों को मुद्दे
के बारे में
समझाते हैं। सरकारी
योजनाएं हमारा अधिकार है।
इन योजनाओं को
हासिल करने के
लिए हमारी आवाज
बुलंद करते हैं।
इन मुद्दे को
कारगर अंजाम देने
के लिए कानून
का सहारा लिया
जा रहा है।
पटना
में हमारा कानून
हमारा अधिकार को
लेकर पैक्स ने
कानूनी जागरूकता कार्यशाला का
आयोजन किया है।
यह कार्यशाला पांच
दिनों तक चलेगा।
इस कार्यशाला के
द्वितीय दिन दलितों
के अधिकार के
बारे में जानकारी
दी गयी। संविधान,
भारतीय दण्ड संहिता,
दण्ड प्रक्रिया संहिता,सिविल अधिकार संरक्षण
अधिनियम,1955, अपराध, दण्ड आदि
पर चर्चा की
गयी। प्रतिभागियों
को केस स्ट्डी
दिया गया। इसी
को लेकर रोल
प्ले करना था।
किसी को हरी
नामक व्यक्ति को
दिखाया गया कि
वह अपने लाल
राशन-कार्ड को
लेकर दूकान में
गया। लेकिन कुछ
दबंग जाति के
लोगों ने हरि
को रोक दिया।
हरि ने इसके
खिलाफ आवाज उठाई।
पर उसे सबके
सामने जाति सूचक
चमार कहकर भगा
दिया गया। इसे
बखूबी करके दिखाया
गया। किसी को
स्कूल के क्लास
रूम में सामान्य
बच्चों के साथ
न बैठाकर दलित
बच्चों को अलग
से बैठाने के
मामले को लेकर
रोल प्ले करना
था। इसे बखूबी
ब्रजेश कुमार, प्रेम कुमार
चौधरी, कैलाश राम, रिंकी
कुमारी, वासुदेव दास, ओम
प्रकाश और आलोक
कुमार ने रोल
प्ले किए। इस
तरह के भेदभाव
के बारे में
संविधान के अनुसार
,भारतीय दण्ड संहिता,दण्ड प्रक्रिया
संहिता,मुआवजा आदि के
बारे में जानकारी
और बताना पड़ता
था। इसी तरह
दबंगों के द्वारा
दलितों की जमीन
पर जबरन कब्जा
कर लिया गया।
इसको पेश किया
गया।
आलोक
कुमार
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