Friday 29 August 2014

बीड़ी मजदूर, द्यरेलू कामगार, मनरेगा मजदूर, निर्माण श्रमिकों, रेलवे कुली और वेंडरों को शामिल किया


गया। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश नाकामयाब रही। पूर्व मुख्यमंत्री चाहते थे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ( आर 0 एस 0 बी 0 वाई 0 ) के तहत ओपीडी मरीजों को भी स्मार्ट कार्ड का लाभ मिलें। ओपीडी में स्मार्टकार्डधारियों को 40 फीसदी रियायते दी जाए। जो लागू नहीं हो सका। इसकी शिकायत मोबाइल से बिहार सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यपालक से किया गया जो पूर्व मुख्यमंत्री की चाहत को राहत में तब्दील करा सके। आज भी केवल अस्पताल में भर्त्ती होने वालों को दवा - दारू किया जाएगा।
वहीं गैर सरकारी संस्थाओं की पहल आर 0 एस 0 बी 0 वाई 0 में कामयाब रही। उनके नेतृत्वकर्ताओं ने के प्रदेश से लेकर देशतक के आलाधिकारियों से मिलकर रिक्शा चालक , ऑटो रिक्शा चालक , जीप चालक , ईंट - भट्ठा मजदूर , बीड़ी मजदूर , द्यरेलू कामगार , मनरेगा मजदूर , निर्माण श्रमिकों , रेलवे कुली और वेंडरों को भी करने की जोरदार ढंग से मांग करते रहे। आखिरकार मांग के आलोक में बीड़ी मजदूर , द्यरेलू कामगार , मनरेगा मजदूर , निर्माण श्रमिकों , रेलवे कुली और वेंडरों को शामिल कर लिया गया है। फिर भी रिक्शा चालक , ऑटो रिक्शा चालक , जीप चालक और ईंट - भट्ठा मजदूरों को दरकिनार कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में 66 प्रतिशत लेकर शिक्षित राज्य केरल अव्वल स्थान पर अडिग है। वहीं 53 प्रतिशत लेकर पड़ोसी प्रदेश उत्तर प्रदेश द्वितीय और 47 प्रतिशत लेकर अपना बिहार तृतीय स्थान पर है। बिहार में बीड़ी मजदूरों की संख्या 1 लाख 99 हजार है। स्ट्रीट वेंडरों की संख्या 1 लाख 55 हजार है। घरेलू कामगारों की संख्या उपलब्ध नहीं है। रेलवे बोर्ड के अनुसार 22 हजार की संख्या में रेलवे मजदूर हैं। बिहार में 30 रूपए में बीमा करके स्मार्ट कार्ड बनता है। इस स्मार्ट कार्ड से परिवार के 5 लोगों का चिकित्सा अस्पताल में भर्त्ती कर किया जाता है। इन लोगों पर 30 हजार रू . तक व्यय किया जाता है। अस्पतालीय बिल , भोजन , यात्रा भत्ता शामिल है। आंध्रप्रदेश की सरकार ने राशि को बढ़ाकर 2 लाख तक कर दी है। इसमें 650 पैकेज उपलब्ध था जिसे बढ़ाकर 1099 कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में बैठक की गयी। बैठक में प्रस्ताव पारित कर अब से केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से द्यरेलू कामगारों , मनरेगा मजदूरों , निर्माण श्रमिकों , रेलवे कुली , वेंडरों को भी लाभ देने का निर्णय लिया गया। 2005 से संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में 9 साल के बाद भारी परिवर्तन किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ अब बीपीएल परिवारों के अलावा अब बीड़ी मजदूर , द्यरेलू कामगार , मनरेगा मजदूर , निर्माण श्रमिकों , रेलवे कुली और वेंडरों को भी मिलेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन पर राज्य में वर्ष 2014-15 में 75 करोड़ खर्च होंगे। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे के गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने लिए शुरू की गई है। चालू वित्तीय वर्ष में यह योजना बीपीएल परिवारों के अलावा बीड़ी मजदूर , द्यरेलू कामगार , मनरेगा मजदूर ,( गत वित्तीय वर्ष में 15 दिन काम किए हों ), निर्माण श्रमिकों , रेलवे कुली और वेंडरों के लिए भी होगी। इनमें निर्माण श्रमिकांे की प्रीमियम राशि भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड , जबकि एपीएल कुलियों , वीवर - आर्टिजन और वेंडरों की प्रीमियम राशि रेलवे देगी।
Alok Kumar





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