Saturday 30 August 2014

कौन है सच्चा और कौन है झूठा


दानापुर थाना पुलिस के द्वारा सड़क दुर्घटना से घायल वाली कहानी

पीरबहोर थाना पुलिस के समक्ष देवेन्द्र कुमार मांझी के द्वारा दी गयी बयानी

पटना। महादलित मुसहर समुदाय के देवेन्द्र कुमार मांझी घायल हो गए। पुलिस ने उठाकर देवेन्द्र को पी.एम.सी.एच. में भर्त्ती करवाया। पी.एम.सी.एच. में अपने बयान में कहा कि टेम्पों से जा रहे थे। पांच व्यक्तियों ने टेम्पों से खींचकर बोलेरो में बैठा कर जमकर धुनाई कर दी। जब उनका मन धुनाई करने से नहीं भरा तो चाकू से एड़ी और ठेंहुना के पास का मांस काटकर निकाल दिए। इसके बाद नासरीगंज ओपी के पास निर्दयता से फेंककर चलते बने। वहीं पुलिस ने मनगढ़त कहानी गढ़कर देवेन्द्र की दीदी को सुना दी। बालू से भरे ट्रक की चपेट में आने से देवेन्द्र कुमार मांझी घायल हुए हैं। उनको उठाकर पी.एम.सी.एच.में भर्त्ती किया गया।

अपने घर मसौढ़ी से दीघा मुसहरी दीदी के पास आए थेः पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड के औलीपुर अकौना और गांव गुरूपतिचक में स्व. राम कुमार मांझी के पुत्र देवेन्द्र कुमार मांझी( 26 वर्ष) रहते हैं। इनकी पत्नी का नाम अनीता देवी है। दोनों के तीन बच्चे राजा,रानी और खुशी हैं। इन सभी को छोड़कर दीघा मुसहरी शबरी कॉलोनी में 21 अगस्त को दीदी कांति देवी के घर पहुंचे। दीदी के घर में तीन दिन रहने के बाद 24 अगस्त को 11 बजे दिन में काम करने बाहर जाने के लिए निकले। फिर दीघा मुसहरी में वापस नहीं लौटे।

नासरीगंज ओपी के पास देवेन्द्र कुमार मांझी मिलेः नासरीगंज ओपी के पास घायलावस्था में देवेन्द्र कुमार मांझी मिले। इनको उठाकर पुलिस पी.एम.सी.एच. में भर्त्ती करा दिए। उसी दिन चिकित्सक ने जांचोपरांत बेड दे दिया गया। वह बेहोशी अवस्था में थे। इसी कारण लावारिश घोषित कर इलाज शुरू किया गया। अगले दिन 25 अगस्त को देवेन्द्र कुमार को होश आ गया। तब परिचारिकाओं ने पीरबहोर थाना को सूचना देकर बुला लिए। इसके बाद देवेन्द्र से परिजनों के बारे में जानकारी ली। उसे बताया गया कि दीघा मुसहरी शबरी कॉलोनी में दुखन मांझी रहते हैं। वह बहनदोई हैं।

दो शख्स 25 अगस्त को शबरी कॉलोनी पहुंचेः दो आदमी पी.एम.सी.एच. से 1 बजे दिन में शबरी कॉलोनी पहुंचे। यहां पर पहुंचकर दुखन मांझी के बारे में पूछताछ करने लगे। उन लोगों ने कहा कि दुखन के पुत्र देवेन्द्र कुमार मांझी घायल होकर पीएमसीएच में भर्त्ती हैं। उस व्यक्ति की बात सुनकर देवेन्द्र की बहन और दुखन मांझी की पत्नी मानती देवी कहने लगी। बाप रे बाप हमार भैया अस्पताल में भर्त्ती हो गया। तब मानती देवी और ज्ञान्ति देवी पीएमसीएच चली गयी। इसके बाद देवेन्द्र की दीदी और स्व. महेश मांझी की पत्नी कांति देवी थाना जा पहुंची।

सबसे पहले नासरीगंज ओपी में गयीः दानापुर थाना के नासरीगंज ओपी में तैनात पुलिसकर्मियों ने देवेन्द्र की दीदी कांति देवी से कहा कि वह नौजवान अधिक शराब सेवन किया था। इसके कारण बालू से भरे ट्रक की चपेट में आकर घायल हो गया। सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने के बाद पी.एम.सी.एच. में भर्त्ती किया गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने कांति देवी को दानापुर थाना में ले गए। वहां पर मनगढ़त कहानी पर कांति देवी का अंगूठा निशान लगा लिया।

जबतक देवेन्द्र कुमार मांझी के परिजन आतेः जबतक घायल देवेन्द्र के परिजन आते तबतक पीरबहोर थाना की पुलिस आकर देवेन्द्र से बयान ले लिया। बयान के अनुसार टेम्पों से जा रहे थे। पांच व्यक्तियों ने टेम्पों से खींचकर बोलेरो में बैठा कर जमकर धुनाई कर दी। जब उनका मन धुनाई करने से नहीं भरा तो चाकू से एड़ी और ठेंहुना के पास का मांस काटकर निकाल दिए। उसका कहना था कि हालत बहुत खराब है। जोरदार दर्द हो रहा है। दर्दनाशक सूई देने के बाद भी दर्द कम नहीं हो रहा है।

दानापुर थाने के बाद पहुंची कांति देवी पीएमसीएचः इस तरह के बुरे हाल में देखकर दीदी और भाई रोने लगे। रोते-रोते दीदी कांति देवी कहने लगी। बाबू, इतना अधिक दारू क्यों पी लिया? यह हाल देखने को नहीं न मिलता। तब देवेन्द्र कहता है कि दीदी गे.. दारू नहीं पीये हैं। टेम्पों पर जा रहे थे। पांच आदमी ने टेम्पों से खींचकर बोलोरा पर बैठा लिए। बहुत मारे और चाकू से मांस काटकर निकाल दिए। वहीं घाव है। बहुत दर्द कर रहा है। तब कांति देवी ने परिचारिकाओं से कहकर दर्दनाशक सूई दिलवा दी। रातभर दर्द से कहारते रहा। कांति देवी दर्दनाशक सूई देने की परिचारिकाओं से मिन्नत करती रही। सिवा दुत्कार के कुछ नहीं मिला। तब भाई को दिलासा देते रही। अगले दिन 26 अगस्त को प्रायवेट हॉस्पीटल में भर्त्ती करवा देंगे।

जानलेवा साबित 26 अगस्तः करीब 5 बजे सुबह कांति देवी ने परिचारिकाओं से दवा खरीदने का पूर्जा मांग की। उसे सूई खरीदकर लाने को कहा गया। सूई खरीदकर लायी। तब कांति देवी ने भाई से कहा कि खाली पेट में सूई मत लो। कुछ रोटी मुंह में डाल दी। वह खा न सका। इस बीच परिचारिका ने सूई लगा दी। सूई लगाने के बाद तूतली आवाज में देवेन्द्र बोलने लगा। कुछ पानी पीने को दिया गया। दोनों तरफ से मुंह से पानी गिर गया। इसके बाद दम तोड़ दिया। उस समय 7 बजे रहा था। इस तरह देवेन्द्र कुमार मांझी की मौत हो गयी।

इस बीच देवेन्द्र कुमार मांझी का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद बांसघाट में विघुत शवदाह गृह में पंच तत्व में विलीन कर दिया गया। अब पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा कि दानापुर थाना पुलिस के द्वारा सड़क दुर्घटना से घायल वाली कहानी और पीरबहोर थाना पुलिस के समक्ष देवेन्द्र कुमार मांझी के द्वारा दी गयी बयानी सही है। जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही रहस्य पर से पर्दा हटेगा।

आलोक कुमार

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