Monday 29 September 2014

पटना नगर निगम के अंचलों में दैनिक मजदूर में काम करते और अवकाश ग्रहण कर जाते



पटना। पटना नगर निगम के अंचलों में दैनिक मजदूर में काम करते और दैनिक मजदूर की ही तरह अवकाश ग्रहण कर जाते हैं। अभी नूतन अंचल के वार्ड नम्बर 15 में वैशाखी मांझी कार्यरत हैं। जो दैनिक मजदूर की तहर अपनी जिन्दगी के 30 साल खपा दिए हैं। किसी तरह का पदोन्नति नहीं और न मजदूरी में इजाफा ही किया गया है। इनके जैसा अनेक दैनिक मजदूर हैं। जो स्थायी होने की अभिलाषा पाल रखे हैं। ऐसे लोग किसी मसीहा की तलाश में हैं जो स्थायीकरण करवाने में सहायक सिद्ध हो सके।

 अभी हाल यह है कि पटना नगर निगम के अधीन नूतन अंचल में कार्य करने वाले मजदूर कष्ट में हैं। अंतिम बार नूतन अंचल के द्वारा मजदूरों की मजदूरी बैंक में 26 जून 2014 को जमा किया गया। इसके बाद नूतन अंचल के द्वारा ‘काम करों और दाम नहीं पावों’नीति चलायी गयी है। गत 3 माह से मजदूरों के खाते में फुट्टवल कौड़ी भी जमा नहीं किया गया। इसका परिणाम यह निकला कि मजदूर महाजनों के द्वार पर दस्तक देने लगे। अधिक ब्याज पर कर्ज ले रहे हैं। इसके कारण मजदूरों की माली हालत चरमराती चली जा रही है। अगर समय रहते मजदूरों को मजदूरी नहीं दी गयी। तो निश्चित तौर पर इस पर्व के अवसर पर मजदूरों के घरों में मातम पसर जाएगा!

हार्डिग रोड,हज भवन के पीछे झोपड़पट्टी में वैशाली मांझी रहते हैं। नूतन अंचल के वार्ड नम्बर 15 में कार्यरत हैं। जिन्दगी के 30 साल खपाने के बाद भी दैनिक मजदूर ही हैं। इनको दैनिक मजदूर में बहाली की गयी। स्थायीकरण नहीं किया गया। इनका पुत्र सुग्गा मांझी और करीमन मांझी भी वार्ड नम्बर 15 में मजदूरी करते हैं। सुग्गा मांझी 15 साल और करीमन मांझी 10 साल से कार्यशील हैं। आज तक स्थायी नौकरी नहीं की गयी। वैशाली मांझी के पुत्र लड्डू मांझी वार्ड नम्बर 10,रंजीत मांझी वार्ड नम्बर 11 और दामाद सोनू मांझी वार्ड नम्बर 12 में कार्य करते हैं। ये तीनों मजदूर 3 साल से कार्यशील हैं। इस तरह वैशाली मांझी के चार पुत्र और एक दामाद को स्थायी नहीं किया जा रहा है। इन मजदूरों को 184 रू. दैनिक मजदूरी की दर से 26 दिनों की मजदूरी 4784 रू. जमा कर दिया जाता है। अंतिम बार 26 जून 2014 को बैंक में जमा किया गया। इस संदर्भ में पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष देवनाथ सिंह से मोबाइल नम्बर 9334031752 पर बात करने का असफल प्रयास किया गया।
अपनी झोपड़ी के पास बैठी वैशाली मांझी की पत्नी लालसा देवी कहती हैं। उनके 5 लड़के और 4 लड़किया हैं। बच्चों का जन्म पटना-दीघा रेलखंड के किनारे झोपड़ी में हुआ है। अभी गर्दनीबाग थानान्तर्गत हार्डिग रोड, हज भवन के पीछे नाले के किनारे रहते हैं। हमलोगों का पड़ोसी वरीय आरक्षी अधीक्षक मनु महाराज, सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आदि हैं। त्यौहार की तैयारी कैसे हो! नूतन अंचल में घर के मालिक, चार पुत्र और एक दामाद दैनिक मजदूर की तरह काम करते हैं। इनको 3 माह से मजदूरी नहीं मिल रही है। इसके कारण त्यौहार सूना-सूना ही रह जाएगा। अभी बेटी संगीता देवी ने झोपड़ी वाले घर की मिट्टी से रंग-रोगन करने को मजबूर हैं। आगे कहती हैं कि बाबू लगता है कि नूतन अंचल में मजदूरों को स्थायी नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। इसके कारण हजारों की संख्या में सभी मजदूर दैनिक मजदूरी में काम करना आरंभ करते हैं और दैनिक मजदूर की हैसियत में अवकाश ग्रहण कर जाते हैं।

इनका पुत्र सुग्गा मांझी कहते हैं कि कई साल से दैनिक मजदूरी 184 रू. में बढ़ोतरी कर 250 रू. कर देने की चर्चा है। जो शायद अगले माह अक्टूबर 2014 से लागू होगा। इस मजदूर ने मांग किया है कि पटना नगर निगम के सभी अंचल में कार्यशील मजदूरों को मजदूरी भुगतान करें। बढ़ोतरी होने वाले मजदूरी को 5 साल से जोड़कर भुगतान किया जाए। मजदूरों का सर्वें करके बसेरा अभियान के तहत जमीन देकर इंदिरा आवास योजना से मकान निर्माण कराएं।

आलोक कुमार


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