Thursday 16 October 2014

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के नियमावली पर पैनल परिचर्चा


आज भी 70 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से जूझ रही

50 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार

पटना। अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य दिवस के अवसर पर ऑक्सफैम इंडिया और भोजन का अधिकार अभियान के संयुक्त तत्वावधान में ग्रो सप्ताह के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के नियमावली पर पैनल परिचर्चा किया गया।

इस अवसर पर ऑक्सफैम इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रविन्द कुमार प्रवीण ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि 16 अक्टूबर,1945 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की गई। 1979 में विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के सदस्य देशों के 20 वें आम सभा में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। आज ग्रो सप्ताह के तहत अंतर्राष्ट्रीय खाद्य दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के अंतर्गत लाभान्वितों की पहचान, अनाज का उठाव, भंडारण एवं वितरण, कुपोषण तथा मातृत्व लाभ को शामिल कर चर्चा करेंगे।

मौके पर भोजन अधिकार अभियान (बिहार) के संयोजक रूपेश ने कहा कि दुनिया को भूख से मुक्ति दिलाने के आकांक्षा के साथ दुनिया भर के खाद्य सुरक्षा के मुद्दे से जुड़े संगठन इस दिवस को मनाते हैं। भारत के संदर्भ में इस दिन का महत्व और अधिक है क्योंकि एक ओर तो देश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों से भूख से मौत की खबरें आती हैं। बिहार में भी लगातार मौते होती रही है। विभिन्न रिपोर्टो के अनुसार राज्य में लगभग 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं जबकि लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं।


आलोक कुमार

No comments: