Wednesday 29 October 2014

अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अर्घ्य दिए

  Wife of CM,Bihar                                           Photo:ETv,Bihar
 मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गया जिले में अर्घ्यदान दिए

उदयीमान भगवान दिवाकर को द्वितीय अर्घ्य कल

पटना। लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर व्रतियों ने श्रद्धा के साथ अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिए। सूबे के मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गया जिले में अर्घ्यदान दिए। व्रतियों ने सुविधा के अनुसार पवित्र गंगा, तालाब, पोखर आदि घाटों में अर्घ्य दिए। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन और पूजा समितियों ने की है। घर से लेकर घाट तक की सफाई की गयी। विभिन्न मार्गों पर विशेष रोशनी की व्यवस्था की गयी। पूजा समितियों के द्वारा देखने लायक तोरण द्वार बनाए गए।

छठी मइया की गीत गुंजायमान होते रहेः आज दोपहर बाद से छठव्रती घाट की ओर अग्रसर होने लगे। छठव्रती 36 घंटे से निर्जला उपवास पर हैं। भक्तिपूर्ण माहौल में घर से निकले। रास्ते में छठी मइया से संबंधित लोक गीत गाते चले। लगभग घर से निकलकर लोग मां गंगा नदी के किनारे चले गए। डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिए।

इस अवसर पर बच्चे काफी खुश दिखेः सयाने लोग धार्मिक विधि संपन्न करवाने में व्यस्त रहे। वहीं बच्चे घुमने में समय बिता रहे थे। अकेले बच्चों को घुमते देखकर उद्घोषकों में हुदहुद होने लगता था। तत्काल घोषणा करने लगते। अभिभावकों के साथ ही बच्चे घुमने जाए। अकेले नहीं जाए। ऐसा करने से बच्चों को गुम होने का डर समाप्त हो जाता है। गंगा किनारे मेला की तरह दृश्य था। चाय से लेकर आइसक्रीम तक की व्यवस्था थी। बच्चे आइसक्रीम की मस्ती और सयाने चाय की चुस्की लेते रहे।

प्रशासन की ओर से महिलाओं को वस्त्र बदलने का प्रबंधः गंगा नदी में बांस से घेर दिया गया । इसके आगे बढ़ने नहीं दिया गया। स्टीमर में एनडीआरएफ के जवान मुस्तैद दिखे। महिलाओं को वस्त्र बदलने का प्रबंध किया गया। कुछ घाटों पर शौचालय और मूत्रालय भी बनाया गया । काफी चौकसी देखा गया। जगह-जगह फाइन बोर्ड पर चेतावनी दिया गया। अफवाह पर ध्यान नहीं देने की बात लिखी गयी थी। उसी तरह पूजा समितियों के द्वारा पेपर कार्ड पर सावधान रहने की बात लिख दी गयी थी। इसी को लोग पालन किए। इसके कारण लोग घर सकुशल लौट गए।

छठ घाट से लौटने के बादः छठ घाट से लोग घर लौट गए। रातभर छठी मइया की उपासना में गीत गाते रहेंगे। तड़के सुबह में छठ घाट जाना है। उदयीमान भगवान दिवाकर को अर्घ्य देना है। प्रथम दिन खरना में कद्दू-भात खाया गया। द्वितीय दिन खरना में गुड़ से बना पकवान और रोटी ग्रहण किए। तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अर्घ्य दिए। चतुर्थ दिन उदयीमान भगवान दिवाकर को द्वितीय अर्घ्य दिए। ऐसा कर लेने के बाद चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न हो जाएगा।

विभिन्न जिलों में हादसाः चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान हादसा हुआ। कई बच्चों की मौत डूबने से हो गयी। अब सरकार की बारी है। दुखित परिवारों के बीच में जाकर सांत्वना देने और कब से कब पांच लाख रू. का मुआवजा देना। बच्चों के परिजनों को सरकारी नौकरी, आवासहीन भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन, इन्दिरा आवास योजना के तहत मकान निर्माण आदि से लाभ दिलाना।

आलोक कुमार



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