Thursday 30 October 2014

कयामत आने के पहले मृतक की आत्मा को स्वर्गराज में प्रवेश दिलवाने का प्रयास


मुर्दों का पर्व 2 नवम्बर को

पटना। प्रत्येक साल की तरह 2 नवम्बर 2014 को मुर्दों का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ईसाई समुदाय गमगीन रहते हैं। पल्ली के गिरजाघर में आयोजित प्रातकालीन पवित्र मिस्सा पूजा में भाग लेते हैं। इस दौरान भगवान से मृतक परिजनों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। पुरोहित के करकमलों से परमप्रसाद ग्रहण करते हैं।

जब ईसाई धर्मावलम्बी की मौत होती हैः ईसाई धर्मावलम्बी की मौत होने पर अंतिम बार शव के साथ पवित्र मिस्सा पूजा अर्पित की जाती है।मृतक के परिजन और जानने और मानने वाले मिस्सा पूजा में भाग लेते हैं। पुरोहित मिस्सा करते हैं। मृतक के बारे में उपदेश देते हैं। उनके परिजनों को ढाहस बंधाते हैं। इस बीच पवित्र परमप्रसाद वितरण करते हैं। ईसाई धर्मावलम्बी परमप्रसाद ग्रहण करते हैं।

पवित्र मिस्सा समाप्त होने के बाद शव को कब्रिस्तान ले जातेः एक विशेष प्रकार से बने बॉक्स में शव रखा रहता है। धर्मावलम्बी कंधे देकर शव को कब्रिस्तान ले जाते हैं। आजकल कब्रिस्तान में जगह नहीं है। इसके लिए किसी परिजन की कब्र में गड्ढा खोदकर शव को कब्र में दफना दिया जाता है। कब्रिस्तान में आए लोग बॉक्स के ऊपर मिट्टी डालते हैं। इस तरह मृतक के शव को दफन कर दिया जाता है।
मुर्दों का पर्व 2 नवम्बर को मनाने के पहले कब्र की सफाई करतेः मुर्दों का पर्व मनाने के पहले कब्र की सफाई और पुताई करते हैं। आजकल परिजन सफाई करने में जुटे हैं। पर्व के दिन कब्र पर मोमबती और अगरबती जलाते हैं। विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाते हैं। कई पुरोहितों के द्वारा मिस्सा पूजा की जाती है। उपदेश दिया जाता है। इसके बाद परमप्रसाद वितरण किया जाता है। अंत में पुरोहितों के द्वारा पवित्र जल का छिड़काव मृतकों के कब्र पर किया जाता है। इसके बाद रोते-बिलखते परिजन घर जाते हैं।

लोक आस्था को मजबूत कियाः
 पुरोहितों ने पवित्र बाइबल के सुसमाचार के माध्यम से बताया जाता है कि प्रभु येसु ख्रीस्त की तरह मृतकों में से परिजन जी उठेंगे। यह सब कयामत के दिन होगा। कब्र फट जाएंगे और मृतक जी उठेंगे। इसी को लेकर 2 नवम्बर को मुर्दों का पर्व मनाया जाता है।

कयामत आने के पहले मृतक की आत्मा को: स्वर्गराज में प्रवेश दिलवाने का प्रयास परिजन करते हैं। कोई भी व्यक्ति मरते हैं। तो आत्मा स्वर्ग, नरक और शोद्धक अग्नि में जाती है। अगर वंदा नेक कार्य किया होगा तो स्वर्ग में चला जाएगा। खराब कार्य किया होगा तो नरक में चले जाएगा। बीच बीच में रहा होगा तो शोद्धक अग्नि में चला जाएगा। शोद्धक अग्नि वाले स्वर्ग में जा सकते हैं। उसके लिए धरती के परिजन प्रार्थना करेंगे। पुरोहित को मिस्सा पूजा करने के लिए चढ़ावा देंगे। इन दोनों के प्रयास से मृतक स्वर्गलोग में प्रवेश पा सकेगा?


आलोक कुमार

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