Tuesday 28 October 2014

जिले के प्रयोगधर्मी और नवाचारी शिक्षकों की खास मुहिम

        मिडिल स्कूलों में चल रही अव्यवस्था के खिलाफ


                                                  ‘साझा मंच’ के साथ जन प्रतिनिधियों से संवाद

बेगूसराय। सूबे के शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल है। माननीय मंत्री जी का प्रयास चल रहा है कि शासकीय विघालयों के  बच्चों को प्रायवेट स्कूलों के बच्चों को टक्कर देने लायक बनाया जा सके। अपने अधीन विघालयों के बच्चों के भोजन में भी सुधार किया जा सके। मिड डे मील में सुधार करके बच्चांे को खाने के लिए अंडा दिया जाए। जो बच्चे शाकाहारी हैं उनको खाने के लिए फल दिया जाए। इसी में उलझकर मंत्री जी नहीं रहे। जरा यहां भी ध्यान देंगे। 

मंत्री जी आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 38 जिले में शुमार बेगूसराय जिले भी है। इस जिले के 710 मिडिल स्कूलों में मात्र 1 प्रतिशत प्रधानाध्यापक बहाल हैं। जबकि 99 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापक बहाल भी नहीं है। मजे की बात है कि इन 99 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में स्वयंभू प्रधानाध्यापक काम देख रहे हैं। ऐसे कथित प्रधानाध्यापकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक कहा जाता है। इनको अधिकारिक तौर पर शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापक पद पर काम करने के लिए विधिवत प्रक्रिया के तहत कोई आदेश या अधिकार भी नहीं दिया है।

प्राथमिक शिक्षिका अनुपमा सिंह ने कहा कि बेगूसराय में अनाधिकृत प्रभार के अलावे अवैध ढंग से 710 मिडिल स्कूलों में स्वयंभू प्रधानाध्यापकों को एक वैध और ठोस अकादमिक व प्रशासनिक व्यवस्था बहाल किये जाने की मांग को लेकर प्राथमिक शिक्षक साझा मंच के बैनर तले जिले के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से ध्यानाकर्षण संवाद की यात्रा आयोजित की गयी। 25/10/14, 26/10/14 एवं 27/10/14 को क्रमशः तेघड़ा,मंझौल और बखरी अनुमंडल के माननीय जिला पार्षद क्षेत्र सं. 03, 04, 05, 09,12,13 और 15 माननीय प्रखंड प्रमुख बछवाड़ा, भगवानपुर, वीरपुर, चेरिया बरियारपुर,खोदावंदपुर, छौराही, गढ़पूरा,नावकोठी व बखरी तथा माननीय मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद नगर पंचायत बीहट, तेघड़ा बखरी से मिलकर न केवल ज्ञापन सौंपे बल्कि हमारी मांगों के समर्थन में इन जन प्रतिनिधियों द्वारा अधिकारिक तौर पर विभाग व प्रशासन को संबोधित करते हुए जारी पत्र भी प्राप्त किये। जिले के प्रयोगधर्मी और नवाचारी शिक्षकों की खास मुहिम जारी रहेगी। 

आलोक कुमार

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