Friday 3 October 2014

भूमिहीनों के पक्ष में आंदोलन जारी रखेगा दलित अधिकार मंच

      
                  गया जिलाध्यक्ष रामलखन प्रसाद ने जोरदार ढंग से भूदान भूमि का मसला रखें


पटना। दलित अधिकार मंच के द्वारा भूमिहीनों के पक्ष में आंदोलन जारी रखने का निश्चय किया गया है। स्थानीय किदवईपुरी में स्थित ठाकुर प्रसाद सामुदायिक भवन में दो दिवसीय राज्य स्तरीय भूमि अधिकार एवं एडभोकेसी पर कार्यशाला का समापन रविवार को हो गया। मंच से जुड़े 28 जिले के जिलाध्यक्ष,प्रखंड अध्यक्ष,पंचायत अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्षों ने भाग लिया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में राज्य सरकार के द्वारा गठित भूमि सुधार कोर कमिटी के अध्यक्ष व्यास, बिहार राज्य भूदान यज्ञ कमिटी के अध्यक्ष शुभमूर्त्ति जी और दलित अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष कपिलेश्वर राम उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार कृतसंकल्प है। ऑपरेशन भूमि अभियान संचालित है। इसके तहत जिनको वासगीत पर्चा मिला है। परन्तु जमीन पर कब्जा नहीं है ऐसे लोगों को जमीन पर कब्जा दिलवाया जाएगा। जमीन से बेदखल कर दिया गया है। 31 मार्च 2015 तक पूरा कर लेना है। अगर जरूरत पड़े तो बिहार भूमि अपराध अधिनियम 2013 के तहत अपराधियों पर मुकदमा दर्ज भी किया जा सकता है। उप समाहर्ता भूमि सुधार के पास भी अधिकार है। 90 दिनों के अंदर मामला को सलटा दिया जा सकता है। आगे प्रधान सचिव ने कहा कि 38 जिलों में ढाई लाख परिवार आवासहीन थे। इन सभी को जमीन देने के बाद 25 हजार परिवार आवासहीन हैं। इसके बाद भी 38 जिलों में सर्वें का कार्य किया जाएगा। जिससे बच गए परिवारो को भी शामिल कर लिया जाए। ऐसे लोगों को बसेरा अभियान के तहत 3 डिसमिल जमीन दी जाएगी। अब इसका दायरा बढ़ाकर अन्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और अत्यंत पिछड़ी जातियों को भी 3 डिसमिल जमीन देने का प्रस्ताव है। 20 हजार रू. के बदले न्यूनतम मूल्य पर जमीन खरीदकर दी जाएगी।

मौके पर बिहार राज्य भूदान यज्ञ समिति के अध्यक्ष शुभमुर्त्ति ने कहा कि हमलोगों ने 50 हजार महिलाओं को भूदान भूमि दिए है। भूमि को महिलाओं के ही नाम से दिया गया है। सरकार से भी आग्रह किए है कि हदबंदी, गैर मजरूआ भूमि, गैर मजरूआ आम भूमि और वासगीत पर्चा निर्गत करते समय ही महिलाओं के नाम से ही परवाना निर्गत करें। दलित अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष कपिलेश्वर राम ने कहा कि सरकार आवासहीनों को घर का अधिकार कानून को तोहफा के रूप में दें।

जमीन और सीधे लाभान्वितों से जुड़कर कार्यशील दलित अधिकार मंच ने निर्णय लिया है। भूमिहीनों के पक्ष में सत्त आंदोलन जारी रखा जाएगा।वहीं 18 जनवरी 2014 को गठित भूमि सुधार कोर कमिटी के द्वारा लिए गए संकल्प को धरती पर उतारना है। जिन भूमिहीनों को जमीन का परवाना मिल गया है। उनका जमीन पर कब्जा नहीं है। ऐसे लोगों को चिन्हित करके परवाना दिलवाना है। परवाना हाथ में है और जमीन किसी ओर के हाथ में है, उनको जमीन दखल करवाना है। जमीन पर कब्जा और परवाना है। मगर जमीन का दाखिल खारिज नहीं किया गया है। ऐसे लोगों को जमीन का दाखिल खारिज करवाना है। वासभूमि पर रहने वालों को वासगीत पर्चा निर्गत करवाना है। वहीं दो दिनों में भूमिहीनों के पक्ष में कानून बनाने पर जोरदार ढंग से चर्चा की गयी। जो कानून निर्मित है। उससे भूमिहीनों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। आवासहीनों को बसेरा अभियान के तहत लाभ दिलवाने का भी प्रयास किया जाएगा।

वैशाली जिलाध्यक्ष नवल भगत,नालंदा जिलाध्यक्ष शिवधारी,सहरसा जिलाध्यक्ष विद्या सागर, रोहतास जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार, दरभंगा जिलाध्यक्ष सुलेखा देवी,पश्चिम चम्पारण के लालवचन राम आदि ने अपने जिले की भूमिहीनों की समस्याओं को कार्यशाला में रखे। गया जिलाध्यक्ष रामलखन प्रसाद ने जोरदार ढंग से भूदान भूमि का मसला रखें। इन समस्याओं को दलित अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष और भूमि सुधार कोर कमिटी के सदस्य कपिलेश्वर राम भूमि सुधार कोर कमिटी में रखेंगे। कोर कमिटी की बैठक 15 दिनों के अंदर की जाती है। दलित अधिकार मंच के महासचिव दीपचन्द दास, मंच के कोर कमिटी के सदस्य साधु दास और सुमित्रा देवी, शेखपुरा के जिलाध्यक्ष सुधीर पासवान, गया जिलाध्यक्ष रामलखन प्रसाद उपस्थित रहे।
‘तू जिन्दा है तो जिन्दगी की जीत पर यकीन कर, भारत के संविधान को उतार ला जमीन पर,’। ‘हम लड़ रहे हैं इसलिए कि भूमिहीन गरीबों का संगठन बन सके’। ‘लड़ेंगे जीतेंगे’। ‘भूमिहीनों की आवाज में हमसब एक हैं’ का जोरदार नारा के साथ कार्यशाला समाप्त कर दी गयी। इन दो दिनों के अंदर कार्यशाला में नारा गुंजता रहा।

आलोक कुमार

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