Tuesday 9 December 2014

राज चिकित्सालय में ‘राज’ भोग रहे हैं ट्रैफिक पुलिस

क्या पुलिस भाई ! मुफ्त में रहने को घर और ऊपर में मस्त बिजली भी

पटना। पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में है राज चिकित्सालय।चले थे मिशनरी संस्था कुर्जी होली फैमिली अस्पताल को मात देने और बल्कि खुद ही मात खा गए। औरों ने बर्बादी की कहानी नहीं गढ़ी, वरण अपने ही घर के चिराग से स्वाहा हो गया।

अल्पना मार्केट के बगल में है राज चिकित्सालयः आसानी से राज चिकित्सालय में पहुंचा जा सकता है। कुर्जी-बोरिंग रोड के किनारे में भव्य इमारत में है चिकित्सालय। काफी रकम व्यय करके बनाया गया। इस लिए मोटी रकम देकर इलाज किया जाता था। गरीब लोगों की पहुंच से बाहर रहा चिकित्सालय। आपसी रिश्तेदारी में चल रहा था। किसी बात को लेकर टकराव उत्पन्न हो गया। एक रिश्तेदार ने ऐसा कर दिया कि चांदनी रात में नौ-दो ग्यारह हो जाना पड़ा।

राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित खबर ने मचा दिया हंगामाः एक रिश्तेदार ने राज चिकित्सालय के बारे में खबर प्रकाशित करवाने में कामयाब हो गया। यहां पर मानव अंर्गों का प्रत्यारोपण किया जाता है। एक स्थानीय अखबार ने भी खबर को सनसनीखेज बनाकर प्रकाशित कर दी। इस खबर के आलोक में राज चिकित्सा में हंगामा हो गया। मरीज भागे और कर्मचारी फरार हो गए। देखते ही देखते भव्य चिकित्सालय श्मशान द्याट में तब्दील हो गया। जिसको मौका मिला समान उठाने में सफल हो गए। दरवाजा और खिड़की तक ले जाने में कामयाब हो गए। लगभग खंडहर ही बन गया।

राज चिकित्सालय में ट्रैफिक पुलिस का कब्जाः खंडहर में तब्दील राज चिकित्सालय में ट्रैफिक पुलिस वालों ने कब्जा कर लिया। मुफ्त में रहने को घर मिल गया। वहीं मुफ्त में बिजली भी मिल गयी है। बिजली पर ही रात-दिन का भोजनादि बनाते हैं। इन लोगों को कोई रोकने और टोकने वाले नहीं हैं। टोकन लगाकर बिजली चोरी करते हैं। पेसू के पाटलिपुत्र मंडल के ए.एन.कॉलेज में पड़ता है।

साउथ बिहार पावर डिस्टीब्यूसन कम्पनी सवालों के घेरे मेंः सवालों के घेरे में है साउथ बिहार पावर डिस्टीब्यूसन कम्पनी? कम्पनी के द्वारा हरेक दिन छापामारी करने की बात की जाती है। अवैध ढंग से टोकन लगाकर बिजली चोरी करने वाले ट्रैफिक पुलिस को लगाम लगाने में अक्षम साबित हो रहे हैं। वहीं कम्पनी के द्वारा घरेलु उपभोक्ताओं के द्यरों में जाकर अवैध वसूली करने में बहादुरी प्राप्त कर ली है। कम्पनी के कर्मियों के द्वारा उपभोक्ताओं के घर में जाने का मतलब है कि किसी तरह के अड़गा लगाकर केस कर देने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलने से बाज नहीं आते हैं। इस ओर सीएमडी को ध्यान देने की जरूरत है। सीएमडी को कनीय अभियंता को निर्देश देना चाहिए कि यूनिट बढ़वाने की सलाह देना चाहिए। ऐसा करने से कम्पनी के राजस्व में ही बढ़ोतरी होगी।

आलोक कुमार


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