Saturday 25 October 2014

कुर्जी कब्रिस्तान में मिट्टी के हवाले सिस्टर पुष्पा को कर दिए


ईसाई धर्मरीति के अनुसार अंतिम संस्कार संपन्न

पटना। सिस्टर पुष्पा नहीं रहीं। स्व. सेराफिम माइकल की पुत्री थीं। मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के मोरफा पल्ली की रहने वाली हैं। मोरफा पल्ली सीतामढ़ी जिले में है। दिवंगत सिस्टर पुष्पा का जन्म 19 अप्रैल 1968 को हुआ। 3 भाई और 1 बहन हैं। इनमें द्वितीय श्रेणी में हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा मोरफा में उच्च स्तरीय शिक्षा बेतिया से हुई। 16 जुलाई 1994 में पवित्र ह्नदय धर्म समाज में प्रवेश की हैं। 8 दिसम्बर 1997 में पवित्र ह्नदय धर्म समाज की सिस्टर बन गयी। इनकी अंतिम मन्नत 8 दिसम्बर 2005 को हुई। 24 अक्टूबर 2014 को ह्नदय गति रूक जाने के कारण निधन हो गया। 46 साल की सिस्टर पुष्पा ने 17 साल तक लोगों की सेवा की। जहानाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर आदि जिले में महत्वपूर्ण कार्य निष्पादन किए।

अगस्त माह से सिस्टर पुष्पा बीमारः धर्मपरायण और शिक्षा क्षेत्र में परचम लहराने वाली सिस्टर इस साल के अगस्त माह से सिस्टर पुष्पा बीमार चल रही थीं। कई जगहों पर चिकित्सकों से दिखलाकर परामर्श लिया गया। शरीरिक रोग का पता नहीं चला। इसी अवस्था में मोरफा घर चली गयीं। घर पर आने के बाद ही अधिक परेशानी होने पर मोतिहारी हॉस्पिटल में भर्त्ती करायी गयी।

चिकित्सक और परिचारिकाओं के सतत प्रयास काम नहीं आयाः मोतिहारी हॉस्पिटल में बेहतर इलाज नहीं होने के कारण सिस्टर पुष्पा को 21 अक्टूबर को कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्त्ती किया गया। 23 अक्टूबर को अधिक तबीयत खराब होने पर रात्रि 8 बजे आईसीयू में स्थानान्तरण किया गया। इस बीच प्रेरितों की रानी ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन और सहायक पुरोहित फादर सुशील ने अंतमलन दिया। यह एक तरह के धार्मिक संस्कार है। धार्मिक संस्कारों से तृप्त होकर 24 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर सिस्टर पुष्पा ने अंतिम सांस लिया। इस तरह सिस्टर पुष्पा का निधन हो गया। कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल के चिकित्सक और परिचारिकाओं के सतत प्रयास के बावजूद भी सिस्टर को बचाया नहीं जा सका।

पार्थिव शरीर को बालूपर कॉन्वेंट में लायाः परलोक सिधार गए सिस्टर के पार्थिव शरीर को कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में ही रखा गया। यहां से आज सुबह बालूपर कॉन्वेंट लाया गया। इसके बाद शव यात्रा शुरू की गयी। यात्रा में कॉन्वेंट की सिस्टर कतारबद्ध होकर गिरजाघर की ओर आने लगी। यहां पर आने के बाद यात्रा धार्मिक अुनष्ठान में तब्दील हो गया। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा के नेतृत्व में दर्जनों पुरोहितों ने धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किए। 

 महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने कहा: पाप का मूल कारण मृत्यु है। जो अनंत जीवन जीने की भूख पालने वाली सिस्टर पुष्पा को लील ली है। मौत तो वास्तविक सच्चाई है। सभी को इसी राह से जाना है। पाप के अंत करने के सिलसिले में प्रभु येसु ख्रीस्त को भी क्रूस पर चढ़कर मरना पड़ा। इस बीच सभी ईसाई धर्मावलम्बियों के बीच में पुरोहितों ने परमप्रसाद वितरण किए। धार्मिक अनुष्ठान के समापन पर कुर्जी 
कब्रिस्तान में सिस्टर पुष्पा को मिट्टी के हवाले कर दी गयी। मरने के पहले निर्मित कब्र में दफनाया गया। सिमेंट से कब्र बनायी है। कई लोगों का दफनाया जा सकता है। 
इस अवसर पर सिस्टर पुष्पा के परिजन, मोरफा पल्ली के लोग, पवित्र ह्नदय धर्मसमाज की सुपेरियर जेनरल सिस्टर रोशनी, फादर विलियम डिसूजा, सिस्टर आन डिसूजा, सिस्टर मोनिका एक्का, विक्टर फ्रांसिस आदि उपस्थित थे।


आलोक कुमार

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