पटना। पटना से हाजीपुर तक बन रहे
रेल-सह-सड़क पुल परियोजना में युद्धस्तर पर काम जारी है। इसे हरहाल में 2015 तक निर्माण कर
देना है। फिलवक्त जो रेलवे अधिकारी अनुमान लगा रखे है, वह किसी भी हाल में
वर्ष 2015 के मध्य
तक पटना से हाजीपुर तक रेल-सह-सड़क पुल चालू नहीं हो सकेगा।
गंगा नदी पर दो ‘पाया’ पर तीन स्पैन चढ़ाना बाकीः इस
परियोजना के तहत गंगा नदीं पर दो ‘पाया’ पर तीन स्पैन चढ़ाना है। एक स्पैन निर्माण करने में तीन माह से
ऊपर का ही समय लगता है। अगर दो ‘पाया’
पर
तीन स्पैन चढ़ा दिया जाएगा,
तब
पटना और हाजीपरु साइड का संगम हो जाएगा। पटना और हाजीपुर की ओर से कार्य चल रहा
है। इस बीच पटना की ओर से एक से नौ स्पैन तक ढलाई का कार्य पूरा कर लिया गया है।
इसी तरह हाजीपुर की ओर से भी ढलाई कार्य कर लिया गया है। यह कार्य सड़क निर्माण में
गति प्रदान कर रहा है। वहीं रेलवे ट्रैक भी बिछाया जा रहा है।
दीघा चौहट्टा मुहल्ले के तीन ‘पाया’ में व्यवधानः अभी तक बिना
व्यवधान के ‘पाया’ बन रहा था। दीघा
चौहट्टा मुहल्ले में बन रहे ‘पाया’
में
व्यवधान पड़ गया है। इसको लेकर इंजीनियर परेशान हो गये हैं। इंजीनियरों ने बुद्धि
प्रयोग करके हार जाने के बाद ब्रद्दमदेव जी के मंदिर में जाकर गिड़गिड़ाने लगे हैं।
ब्रद्दमदेव जी के पास जाकर कार्य प्रगति होने की मनौती भी मांग रहे हैं।
ब्रद्दमदेव जी के समक्ष मनौती मांगने के बाद भी तीना ‘पाया’ में व्यवधान बरकार
है।
क्या है मसला? पूर्व मध्य रेलवे
के अधिकारियों ने परियोजना निर्माण के लिए दीघा
चौहट्टा मुहल्ला की भी जमीन अधिग्रहण किया गया है। जमीन अधिग्रहण करने के
बाद भू मालिकों को मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं दी गयी है। फिर भी जमीन अधिग्रहण
कर लिया गया है। अधिग्रहित जमीन पर तीन ‘पाया’ बनाया जा रहा है। इसी ‘पाया’ पर स्पैन चढ़ाना है। अंतिम चरण में व्यवधान आ जाने से इंजीनियरों के होश उड़ गया है।
एक ‘पाया’ स्वतः सरसराकर जमीन के नीचे चला गयाः भविष्य
में इस रूट से आवाजाही करने वालों को सुकून मिला। निर्माणकाल में ही व्यवधान पड़ा
है। अगर निर्माण होने के बाद ‘पाया’
सरसराकर
नीचे चला जाता। इस पर सिर्फ अनुमान ही चलाया जा सकता है। हुआ यह कि सामान्य ‘पाया’ की तरह ही ‘पाया’निर्माण किया जा
रहा था। एक दिन अचानक एक ‘पाया’ स्वतः जमीन के नीचे
सरसराकर चला गया। इसको लेकर इंजीनियरों में हड़कम्प मच गया। अभी हड़कम्प थमा ही नहीं
था कि बगल वाला ‘पाया’ जमीन के नीचे नहीं
जाने लगा। इसी तरह तीसरे ‘पाया’ में भी हो रहा है।
अब इसमें नये सिरे से मजबूती से छड़िया
बांधा जा रहाः फिलवक्त जमीन के नीचे सरसराकर चले जाने के बाद मजबूती से
छड़िया बांधा जा रहा है। इसके बाद ढलाई कार्य होगा। द्वितीय ‘पाया’जमीन के नीचे नहीं
जाने पर इसके ऊपर बोझ डाला गया है। इतना करने के बाद भी जमीन के नीचे जा ही नहीं
रहा है। अभी तक इंजीनियर दोनों ‘पाये’
को
लेकर बेचैन थे। अब उनके सामने तीसरे ‘पाया’ को जमीन के नीचे भेजना है। यहां पर भारी मिट्टी काटने वाली
मशीन से मिट्टी की कटाई जारी है। इतना करने के बाद भी ‘पाया’ जमीन के अंदर जाने
को तैयार नहीं है।
आलोक कुमार
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