Saturday 8 November 2014

केन्द्रीय मंत्री ने किया पटना में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कस आफ इंडिया का शिलान्यास


मोबाइल से टी.वी.तक का कार्य होगा




दरभंगा और भागलपुर में एसटीपीआई संभव



पटना। सूबे के ऐतिहासिक शहर की क्षमता और महत्व को स्वीकार करके सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कस आफ इंडिया (एसटीपीआई ) ने वर्ष 2008 के दौरान पटना में अपने स्वयं के इंक्यूबेसन सुविधा की स्थापना की है। एसटीपीआई ने पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र में 3 एकड़ जमीन में 11500 वर्ग फुट उच्च तकनीक क्षमता वाला स्थान बनाया है।

भारत के सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क,इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग,संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,भारत सरकार के तहत एक संगठन,बिहार राज्य के आईटी निर्यात और आईटी उद्योगों की जरूरत को पूरा करने के लिए और उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए पटना में नया इंक्यूबेसन सुविधा की स्थापना कर रहा है।

केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी और कानून और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के कर कमलों से सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कस आफ इंडिया का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, आईटी,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री शाहिद अली खान, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव, विधायक अरूण कुमार सिन्हा, नितिन नवीन,पूनम देवी के अलावे आईएएस आर.एस.शर्मा सचिव इलेक्ट्रानिक्स और आईटी विभाग,बिहार, डा. ओंकार राय, महानिदेशक एसटीपीआई,भारत सरकार और मानस पांडा,निदेशक, एसटीपीआई उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अगर बिहार सरकार जमीन देने में सहयोग करती है। तो घोषणा करता हूं कि दरभंगा और भागलपुर में भी एसटीपीआई खोल दी जाएगी। केन्द्र सरकार कटिबद्ध है। बिहार में तरक्की हो। विदेश भ्रमण के दौरान जर्मनी और साउथ कोरिया प्रौद्योगिकी लगाना को प्रतिबद्ध हैं। अगर यहां पर लग जाता है। तो युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। मोबाइल से टी.वी.तक का कार्य होगा। मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार आईटी नीति पुरानी है। इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। इसमें आवश्यक संशोधन जल्द ही कर दिया जाएगा। 
बिहार राज्य आईटी निर्यात की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए और युवा उद्यमियों की जरूरतों के लिए,एसटीपीआई 10 करोड़ रूपए के अनुमानित निवेश के साथ 8000 वर्ग फुट की नई इंक्यूबेसन सुविधा का निर्माण कर रही है। नयी सुविधा हाई स्पीड डाटा संचार (एचएसडीसी) के साथ निर्बाध डेटा कनेक्टिविटी और अन्य सुविधाओं के द्वारा सॉफ्टवेयर एवं सेवाओं के निर्यात के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं की पेशकश के साथ एक साथ एक संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। नयी सुविधा का परिचालन 18 महीनों के भीतर होगा जिसके साथ इस क्षेत्र की आईटी शिक्षित जनता के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पटना में यह सुविधा डिजिटल भारत के पहल में से एक आईटी निर्यात के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के स्वदेशी उत्पादन और सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टाट अपस के समर्थन करने के लिए उपयुक्त है।
भारत के सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) इलेक्ट्रानिक्स और आईटी विभाग,संचार और आईटी मंत्रालय के अधीन वर्ष 1991 के दौरान स्थापित किया गया था। इस विभाग का लक्ष्य एसटीपी और ईएचटीपी योजनाओं के तहत एकल खिड़की नियामक सेवाएं प्रदान करके देश से आईटी/आईटीईएस निर्यात को बढ़ावा देने के साथ स्टाट अप कंपनियों और युवा उद्यमियों के लिए प्लग एण्ड प्ले इन्कुबेसन सुविधा और हाई स्पीड डाटा संचार के माध्यमसे आईटी/आईटीईएस निर्यात के लिए सहज वातावरण बनाना है।

एसटीपीआई सफलतापूर्वक सबसे अनुकूल वातावरण में आईटी/आईटीईएस उद्योगों को वैधानिक सेवाएं प्रदान कर रही है और कामकाज के अपने उदार शैली के लिए उद्योग जगत में इसकी साख है। सभी हितधारकों के साथ मिलकर एसटीपीआई ने ब्रांड इंडिया बनाने और सबसे पंसदीदा गंतव्य के रूप में देश कोबदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डपयुक्त तथ्य एसटीपी ईकाईयों के द्वारा निर्यात में अद्भूत विकास से साबित होता है जो 1992-93 में 52 करोड़ रूपए था जो बढ़कर वर्ष 2013-14 में 2 लाख 73 हजार करोड़ रूपए हो गया है। एसटीपीआई ने देश के टीयर- टू/टीयर- थ्री शहरों से सॉफ्टवेयर एवं सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने में एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। देश भर में आई/ आईटीईएस निर्यात के समग्र विकास के उद्देश्य से 53 एसटीपीआई केन्द्रों में से 46 केन्द्र टीयर- टू और टीयर- थ्री शहरों में है।
आईटी उद्योग, सॉफ्टवेयर सेवा से उत्पाद विकास की ओर से बढ़ रहा है। एसटीपीआई आईटी जगत के इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और आने वाले वर्षों में आईटी उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकारों, उद्योग और शैक्षणिक संस्था के साथ मिलकर काम कर रहा है तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए महानगरों  से परे आईटी उद्योग के प्रसार का नेत्त्व कर रहा है।

एसटीपीआई- पटना का लक्ष्य
राज्य को पंसदीदा आईटी गंतव्य में से एक बनाना और आईटी/आईटीईएस ईकाईयों को आकर्षित करना। इस सकल राष्ट्रीय निर्यात के योगदान के लिए क्षेत्र से आईटी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना। आईटी/आईटीईएस उद्योगों के लिए विश्व स्तरीय बुंनियादी ढांचे का विकास करना। हाई स्पीट डाटा संचार और अन्य मूल्य वर्धित सेवाएं उपलब्ध कराना। इस क्षेत्र की आईटी शिक्षित जनता के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा कराना। क्षेत्र में समग्र आर्थिक परिदृश्य का विकास करना। 35 करोड़ रूपए से अधिक का संचयी निर्यात के साथ वर्ष 2013-14 के दौरान राज्य से सॉफ्टवेयर का निर्यात 10 करोड़ रूपए दर्ज की गई है जो राज्य को देश के सॉफ्टवेयर निर्यात नक्शे में लाता है। एसटीपीआई के प्रयासों के कारण इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है। जिसके कारण राज्य की अर्थव्यवस्था का समग्र विकास हुआ है।


आलोक कुमार

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