पी.एम.सी.एच. में
तीसरे दिन और ए.एन.एम.सी.एच.में दूसरे दिन
भी जारी
स्वास्थ्य मंत्री
रामधनी सिंह ने कहा कि एक और मौका देंगे
पटना/गया।
स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ‘
पी.एम.सी.एच.’
और अनुग्रह
नारायण मगध मेडिलक कॉलेज‘
ए.एन.एम.सी.एच.’,
गया में संविदा पर बहाल नियुक्ति को स्थायीकरण की मांग को
लेकर हड़ताल पर हैं। ढाई से तीन सौ की संख्या में नर्सेंस हड़ताल पर हैं। इसका असर
अस्पताल पर नहीं पड़ रहा है। अभी घर जा रहा हूं। 24
नवम्बर को पटना लौटेंगे। स्वास्थ्य मंत्री को घर प्यारा है। हमेशा घर की
ओर जाते अथवा रहते हैं। मुख्यालय पटना में आवास देने के बाद भी सासाराम स्थित घर
में ही रहना पसंद करते हैं।
स्वास्थ्य
मंत्री ने कहा कि संविदा पर नर्सेंस आठ साल से काम कर रही हूं। उम्र 40-45 पार कर चुकी हैं। इसके आलोक में चिन्तित हूं। 12 सितम्बर को हड़ताल पर बैठी थीं। राज्य में जीएनएम 6758 को संविदा पर बहाल हैं। इन लोगों की परीक्षा ली गयी। राज्य
कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सवाल तय किया गया। जो नर्सेंस सेवारत हैं। इनके
कार्यकाल के ही आठ साल को ही लेकर परीक्षा ली गयी। इसमें कुछ नर्सेंस फेल हो गयी
हैं। ऐसे लोगों को परीक्षा में शामिल होने का मौका देंगे।किसी तरह से नर्सेंस पास
हो जाए।
पी.एम.सी.एच.में
संविदा पर 1000
नर्सेंस कार्यरत हैं। इसमें 347
स्थायी हैं। संविदा में 653
नर्सेंस हैं। सूबे के 6758
नर्सेंस परीक्षा
दी थीं। इसमें से पी.एम.सी.एच. की 65
नर्सेंस फेल कर
गयी। ए.एन.एम.सी.एच.में 170
है। जहां 35
फेल हैं। बिहार ‘
ए’
ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन के बैनर तले 20
नवम्बर से हड़ताल शुरू कर दी गयी। इसके अगले दिन 21
नवम्बर से गया में भी हड़ताल शुरू कर दी गयी। पटना और गया में
हड़ताल जारी है। इस संदर्भ में बिहार ‘
ए’
ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन एवं बिहार ‘
ए’
अनुबंध परिचारिका संद्य की महामंत्री
विथीका विश्वास का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह और प्रधान सचिव दीपक
कुमार ने 12
सितम्बर से जारी हड़ताल के समय कहा
कि इंटरव्यू लिया जाएगा। कागजात को देकर नौकरी स्थायी कर दी जाएगी। वादा तोड़कर
परीक्षा ली गयी। इसमें नर्सेंस को फेल करार दिया जा रहा है। इसके खिलाफ हड़ताल पर
हैं। स्थायी नर्सेंस का भी हड़ताल को समर्थन प्राप्त है। हमलोगों के समर्थन में
हड़लाली स्थ्ल पर आकर बैठती हैं और नारा बुलंद करती हैं।
इसी तरह
संविदा में बहाल ए.एन.एम.नर्सेंस की भी है। कई बार नौकरी स्थायीकरण करने की मांग
को लेकर आंदोलन कर चुकी हैं। इनको भी प्रधान सचिव दीपक कुमार के द्वारा आश्वासन
दिया गया है कि जीएनएम नर्सेंस की नौकरी स्थायीकरण करने के बाद ए.एन.एम. को भी विधिवत
प्रक्रिया अपनाकर नौकरी स्थायी कर दी जाएगी।
आलोक
कुमार
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