Wednesday 26 November 2014

बिहार कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा ग्रेड ‘ए’ परिचारिकाओं के चयन प्रक्रिया में धांधली



परिचारिकाओं ने विरोध में मानव ऋखंला बनाया
नये सिरे से मेद्या सूची तैयार करने की मांग

पटना। स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह और प्रधान सचिव दीपक कुमार ने 12 सितम्बर 2014 से जारी हड़ताल के मद्देनजर संविदा पर कार्यरत परिचारिकाओं का मेघा सूची बनाने का निर्देश दिया था। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी निर्देश की अनदेखी कर बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने वृहत्त तौर पर ऑनलाइन आवेदन लेना आरंभ कर दिया। विज्ञापन संख्या 04040/14 के माध्यम से काफी संख्या में प्रदेश और देश की परिचारिकाओं ने आवेदन दे दिया। इसमें मेल और फिमेल भी थे।

इस संदर्भ में बिहार अनुबंधित परिचारिका श्रेणी एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी ने कहा कि कुल 100 अंक निर्धारित किया गया। इसमें जी.एन.एम.योग्यता के 50 अंक, उच्च योग्यता (विभागीय) के 10 अंक, अनुभव प्रमाण पत्र (सरकारी अस्पताल,बिहार) के 25 अंक और साक्षात्कार के 15 अंक है। उल्लेखित प्रक्रिया को ही आधार मानकर चयन सूची प्रकाशित करनी थी। दुर्भाग्य से बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने उक्त प्रक्रिया को उल्लंघन कर मनमानी तरीका से रिजल्ट प्रकाशित कर दी। इसमें योग्यता,अनुभव आदि का ख्याल ही नहीं किया गया। कई वर्षों से संविदा में कार्यरत परिचारिकाओं का चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। आयोग ने कोटिवार रिक्तियों में से सिर्फ सामान्य कोटि को ही शतप्रतिशत सूची प्रकाशित कर दी है। वहीं आरक्षण नियमों का घोर उल्लघंन कर दिया गया है। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को सूची में शामिल नहीं किया है।विज्ञापन के माध्यम से ज्ञात स्वीकृत पद 6758 है। अबतक केवल 3817 परिचारिकाओं की ही सूची प्रकाशित की गयी है।

आयोग ने सामान्य जाति की परिचारिकाओं की स्वीकृत पद 3325 के विरूद्ध में 3325 परिचारिकाओं का चयन किया है। इस तरह सामान्य जाति के जिम्मे वाला पद हाउसफूल हो गया। पिछड़ी जाति की स्वीकृत पद 700 के विरूद्ध 257, अत्यंत पिछड़ी जाति की स्वीकृत पद 1290 के विरूद्ध 69,अनुसूचित जाति की स्वीकृत पद 1161के विरूद्ध में 148,अनुसूचित जनजाति की स्वीकृत पद 57 के विरूद्ध में 18  और पिछला वर्ग की महिला की स्वीकृत पद 225 के विरूद्ध 0 का चयन किया गया है। द्योषित 6758 के विरूद्ध में 3817 को चयन किया गया। अभी 2941 का चयन होना है। वहीं बिहार कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा परिचारिकाओं के साथ भेदभाव किया गया है। उसने सामान्य कोटि के स्वीकृत 3325 पद पर ही शतप्रतिशत को ही प्रकाशित कर दी गयी है। इसके बाद आरक्षण कोटिवार के स्वीकृत पद 3433 में से सिर्फ 492 की सूची प्रकाशित कर दी है। इस तरह आयोग ने सामान्य कोटि के 3325 और आरक्षण कोटि से 492 की ही सूची प्रकाशित की है। कुल 3817 ही सूची प्रकाशित कर पाया है।

बिहार अनुबंधित परिचारिका श्रेणी एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग,बिहार सरकार एवं बिहार कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा अनुबंधित नर्सों के स्थायीकरण हेतु ली गयी नियुक्ति प्रक्रिया में हुई घोर अनियमिता के विरूद्ध दिनांक 20 नवम्बर 2014 से अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन पर हैं। इनकी मुख्य मांग है कि साक्षात्कार में से पास या फेल की नीति हटायी जाए या साक्षात्कार को शिथिल कर नयी मेघा सूची तैयार किया जाए। जो भी आरक्षित श्रेणी की अभ्यार्थी को सा़क्षात्कार में फेल किया गया है। उनका रिजल्ट अतिशीघ्र प्रकाशित किया जाए। क्योंकि लगभग सारी आरक्षित श्रेणी की सीट खाली है। सभी संविदा पर कार्यरत नर्सो की बिहार के सरकारी अस्पतालों में काम करने के अनुभव को प्राथमिकता देकर अतिशीघ्र संशोधित रिजल्ट प्रकाशित की जाए।

आज परिचारिकाओं ने मानव ऋखंला बनाया। पीएमसीएच के अधीक्षक,प्राचार्य और मुख्य मार्ग पर हाथ पकड़कर परिचारिकाओं ने एकता का परिचय दिया। इस अस्पताल के तमाम नर्सों का सहयोग मिल रहा है। इसके पूर्व पीएमसीएच से कारगिल चौक तक जाकर कैंडिल लाइट की थी। मुंह पर काला कपड़ा बांध रखी थीं। 

आलोक कुमार

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