Sunday 21 December 2014

पटना उच्च न्यायालय में 23 दिसम्बर को जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह पेश होंगे?

पटना। जिला प्रशासन के द्वारा आंदोलन करने वालों से अंग्रिम जानकारी देने की मांग की जाती है। 72 द्यंटे के पूर्व ही जानकारी देनी है। आंदोलन करने वाले जानकारी देने लगे हैं। कारगिल चौक के किनारे डी.डी.छिड़काव कर्मचारी 10 नवम्बर 2014 से आमरण अनशन करने वालों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा शीतलहरी के समय में अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है। पेयजल और बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। अपने हाल में सत्याग्रह करना पड़ता है। किसी तरह की सहानुभूमि व्यक्त नहीं किया जाता है।

डी.डी.छिड़काव कर्मचारी 41 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। गांधी मैदान के निकट कारगिल चौक पर अनशन पर बैठे कर्मियों में काफी आक्रोश जिलाधिकारी पटना से है। जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने पटना उच्च न्यायालय का आदेश ही नहीं मानते हैं। उसी तरह सिविल सर्जन के.के.मिश्र की सलाह को भी अनसूना कर देते हैं। श्री मिश्र ने डी.डी.छिड़काव कर्मियों का वर्षवार वरीयता सूची बनाकर जिलाधिकारी को दिया गया है। एक माह पहले ही सूची भेजा गया है। उस सूची पर जिलाधिकारी कार्यालय के स्थापना शाखा के द्वारा जर्बदस्त कैंची चला दी गयी है। मनमाने ढंग से कैंची चलायी गयी है। केवल 1991 तक का ही वरीयता सूची बनाकर पत्रांक 2922 के माध्यम से 11.11.2014 को सिविल सर्जन से मंगवाकर उसे बेवसाइट पर प्रकाशित कर दिया।

पटना उच्च न्यायालय का आदेश में यह स्पष्ट लिखा गया है कि जो वरीयता सूचील सिविल सर्जन के द्वारा अनुशंसित कर जिलाधिकारी को भेज दिया था। उसमें जिलाधिकारी को काट-छांट करने को कोई अधिकार नहीं है। जिलाधिकारी ने मनमौजी से पटना उच्च न्यायालय के आदेश को ही पालन नहीं करने पर उतर गये हैं।

इस बीच पटना उच्च न्यायालय में 19.12.2014 को सिविल सर्जन ने लिखित जानकारी दी है कि उन्होंने 1585  डी.डी.छिड़काव कर्मियों की वरीयता सूची वर्षवार करके जिलाधिकारी को पत्रांक 5601 के माध्यम से 05.08.2014 को ही भेज दिए हैं। इस पर जिलाधिकारी ने किसी तरह का संतोषजनक कार्य नहीं किए। पटना उच्च न्यायालय में 23 दिसम्बर को जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह  पेश होंगे?अब देखना कि अपने बचाव में कहा कह पा रहे हैं।


आलोक कुमार

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