Sunday 21 December 2014

क्रिसमस और न्यू ईयर की गिफ्ट दें सरकार

आखिर कबतक सूई देने वाली नर्सेंस सूई से अधिक दर्द सहेंगी?

यह लोग कोई ग्रामीण महिलाएं नहीं है। जो रोड पर बैठकर आग जलाकर आग ताप 
रही हैं। 
बल्कि ये 
लोग मानव सेवा करने वाली नर्सेंस है। सरकार के द्वारा संविदा पर बहाल नर्सेंस को प्रमाण पत्र देखकर नौकरी को स्थयीकरण करने की मांग कर रही हैं।

पटना। पीएमसीएच के परिसर में बीस नवम्बर से संविदा पर बहाल नर्सेंस हड़ताल पर हैं। प्रदेश में बहाल ‘ए’ श्रेणी के नर्सेंस हड़ताल पर हैं। एक बार राज्य कर्मचारी आयोग से साक्षात्कार लिया गया। इसमें जबरन नर्सेंस को फेल करार दिया गया है। आठ से दस साल तक कार्य कर चुकी हैं। अब नर्सेंस को मुसीबतों से सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित नर्सेंस लोगों का कहना है कि हमलोग बीएनआरसी और प्रदेश से बाहर मिड इंडिया बोर्ड से उर्त्तीण करके आए हैं। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए था कि हमलोगों का प्रमाण पत्र की जांच करके बहाल कर लें।

अभी हमलोग 31 दिनों से हड़ताल पर डटे हैं। मौसम के सर्वाधिक ठंड होने के कारण लड़की जलाकर उर्जा ग्रहण करने रहे हैं। यह उर्जा आंदोलन को उर्जावान बनाने में सहायक सिद्ध हो रहाह है। सरकार से आग्रह किया गया कि हमलोग उम्रदराज हो गए हैं। इस समय किधर जाएंगे? प्रमाण पत्र जांचकर औपचारिका निर्वाह कर लें।
आलोक कुमार

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