भारत के
लोग ठंडक में और आस्ट्रेलियाई गर्मी मौसम में क्रिसमस मनाएंगे
पटना।
प्रभु येसु ख्रीस्त का इंतजार कर रहे हैं ईसाई समुदाय। नवजात बालक येसु का आने का
इंतजार 30 नवम्बर से कर रहे हैं। आगमन काल का 3 रविवार गुजर गया है। आगामी 21 जनवरी को आगमन का चौथा रविवार है।प्रभु येसु ख्रीस्त बालक येसु बनकर 24 दिसम्बर को मध्यरात्रि में धरती पर आएंगे। सराय में जगह नहीं
रहने के कारण गौशाला में माता मरियम को बालक येसु को जन्म देना पड़ा। तब स्नेही मां
ने अपने नवजात शिशु को कपड़े में लपेट कर चरणी में लिठा दिया। क्रिसमस को बड़ा दिन,जन्म पर्व आदि कहा जाता है।
इस समय
प्रेरितों की रानी ईश मंदिर की गीत मंडली के द्वारा कैरोल सिंगिंग किया जा रहा है।
इसे तीन दलों में बांटा गया है। इसका संयोजक फादर अगस्टीन हेम्ब्रोम और फादर अनिल
मिंज कर रहे हैं। गीत मंडली ईसाई समुदाय के द्यरों मे जाकर भक्ति गीत गाते हैं।
आया येसु राजा, आज जगत में आया,सब मिल गाओ, खुशियां मनाओ,येसु राजा आया। एक बालिका के हाथ में बालक येसु को और दूसरे
के हाथ में सलीब पर लटका येसु रहते हैं। द्यर के सदस्यों के संग गीत गाने के बाद
प्रार्थना करते हैं। जाते वक्त हैप्पी क्रिसमस और हैप्पी न्यू ईयर 2015 की अंग्रिम बधाई देते हैं।
प्रेरितों
की रानी ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जॉनसन, येसु समाजी 24 दिसम्बर को 11 बजे से मध्यरात्रि में समारोही मिस्सा पूजा करेंगे। न्यू पाटलिपुत्र
कॉलोनी में स्थित सेक्रेट हार्ट चर्च में, नोट्रेडेम
कॉन्वेंट में और आईजीआईएमएस में 11 बजे से
अर्द्धरात्रि मिस्सा पूजा होगी। कुर्जी होली फैमिली हॉस्टिपल में 9 बजे, आशियाना नगर में
स्थित संत मेरिज एकाडेमी में 10 बजकर 30 मिनट पर और एक्सटीटीआई में 11 बजकर 30 मिनट पर रात्रि मिस्सा पूजा की
जाएगी।
इस बीच
ईसाई समुदाय क्रिसमस की तैयारी में जूट गए हैं। अपने पॉकेट को ख्याल में रखकर खर्च
कर रहे हैं। घर-द्वार की सफाई कर रहे हैं। वहीं पुरोहितों का जोर रहता है कि बाहरी
आडम्बर के बजाए आत्मा की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके आलोक में 21 से 23 दिसम्बर तक 4 से 8 बजे तक
पापस्वीकार करने की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा किसी दिन पल्ली परिसर में आकर
पापस्वीकार करने की सुविधा दी गयी है। बीमार रहने वालों को सूचना देना है कि ताकि
पुरोहित रोगी के द्यर पर जाकर पापस्वीकार सुन सके। कम से कम साल में एक बार पर्व
-त्योहारों के अवसर पर मिस्सा पूजा में भाग लेने वालों को बालक येसु के समीप जाने
का अवसर दिया गया है। भारत के लोग ठंडक में और आस्ट्रेलियाई गर्मी मौसम में
क्रिसमस मनाएंगे।
कैरोल सॉग
दूत सेना
स्वर्ग से उतर के,मीठा भजन क्यों गाती है?
किस लिए
इतनी खुशी से,यह स्तुतिगान सुनाती है
ग्लोरिया
इन एक्सेलसिस देओ...2 बार।
हे भाइयो,
खूब आनन्द करके, बालक के पास
तुम भी चलो।
और प्रेम
से यह गीत सुना के, परमेश्वर की स्तुति करो।
ग्लोरिया
इन एक्सेलसिस देओ... 2 बार।
हे येसु ,
प्रभु हमारे, खूब खुशी
से हम आते हैं।
हमलोग भी
दूतों से मिल के, सारे दिल से यों गाते हैं।
ग्लोरिया
इन एक्सेलसिस देओ....2 बार।
आलोक
कुमार
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