मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के कर्मभूमि पटना
और
मुख्यमंत्री के जन्मभूमि गया में दिया 2 लाख रू.
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि भागलपुर, मुजफ्फरपुर, सारण, दरभंगा, मुंगेर,सहरसा और पूर्णिया जिले में 1.50 रू.विमुख किया गया है। 25 जिले को 50 हजार और 4 जिले को 25 हजार रू. दिया गया है। यहां पर प्रतिदिन अलाव जलाने की व्यवस्था करनी है। अभी तक राज्य के 251 स्थानों पर 4881 किलोग्राम लकड़ी भस्म कर दी गयी है।मौसम की शीतलहरी से 1205.87 जनसंख्या शीतलहर के प्रकोप से प्रभावित हैं। फिलवक्त किसी की मौत होने की खबर नहीं है। अभी तक 1.79 लाख रू व्यय किया जा चुका है। प्रतिदिन 5353 किलोग्राम लकड़ी जलायी जा रही है। अलाव वाली स्थान को ढूढने के बाद भी पता नहीं चल पाती है। लोगों को अलाव जलाने वाली स्थान के बारे में जानकारी ही नहीं है।
मजे की बात है कि आपदा प्रबंधन विभाग के पास 31 जिले की जानकारी है। जो 23 दिसम्बर को जारी किया गया है। केवल 7 जिले के द्वारा जो जानकारी दी गयी है। वह भी अधूरी ही है। लखीसराय में 32 जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है।वहां पर 550 किलोग्राम लकड़ी जलायी गयी है। इस जिले के 0.09 जनसंख्या प्रभावित हैं। सुपौल में 21 जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है। वहां 685 किलोग्राम लकड़ी जलायी गयी है। पूर्णिया में 74 जगहों पर 170.90 किलोग्राम लकड़ी जलायी गयी है। 0.10 जनसंख्या प्रभावित हैं। इस जिले में अभी तक 1.03 लाख रू. व्यय किया गया है। पटना में 38 जगहों पर 1520 किलोग्राम लकड़ी जलायी गयी है। नालंदा में 0.68 प्रभावित जनसंख्या है। इनके लिए 58 जगहों में 970 लकड़ी किलोग्राम लकड़ी जलयाी गयी है। अबतक 0.70 लाख खर्च किया है। जहानाबाद में 28 जगहों पर प्रतिदिन 920 किलोग्राम लकड़ी जलायी जा रही है।यहां पर सिर्फ 0.06 हजार रू. खर्च किया गया है। मुजफ्फरपुर में प्रभावित जनसंख्या 1205 है। अलाव जलाने वाली जगहों का उल्लेख नहीं किया गया है। यह बताया गया कि 65.00 किलोग्राम लकड़ी जलायी गयी है।
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