येसु
ख्रीस्त के जन्मोत्सव पर विशेष
सारी
सृष्टि, विशेष कर मानव के प्रति ईश्वर के प्रेम का
संदेश लेकर पुनः एक बार क्रिसमस आ गया है। जब ईश्वर का पुत्र येसु ख्रीस्त मानव के
रूप में जन्म लेकर धरती पर अवतरित हुए,तो
स्वर्गदूतों ने ईश्वर की महिमा गाई और ईश्वर के कृपापात्रों को इस धरती पर शांति
का सुखद संदेश सुनाया।
हममें से
हरएक जन ईश्वर की सृष्टि है। इतना ही नहीं,हम खुद
ईश्वर का प्रतिरूप और प्रतिछाया है। अब एक संदेश मन में उठा है कि अगर हर व्यक्ति
ईश्वर के प्रतिरूप और प्रतिछाया में सृष्ट किया गया है, तो फिर ईश्वर के कृपापात्र कौन हो सकता है? क्या वह कोई विशिष्ट व्यक्ति है? काफी मंथन
के बाद, मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि जो ईश्वर की
इ़च्छा के अनुरूप जीवन बिताता है। वही ईश्वर का कृपापात्र हो सकता है। जब
स्वर्गदूत मां मरियम के पास येसु के देहधारण का शुभसंदेश लेकर आया,उस समय दूत ने ‘प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री’ कहकर मां
मरियम का अभिवादन किया। इतिहास भी वहीं गवाही देता है कि जितनों ने अपने जीवन में
ईश्वर की इच्छा पहचानने और उसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास किया,उन सबों को पवित्र कलीसिया ने संत अथवा धन्य घोषित किया।
संत पापा
फ्रांसिस ने इस वर्ष को समर्पित जीवन की खुशी के वर्ष के रूप में मनाने का ऐलान
किया है। जिन लोगों ने ईश्वर की पुकार सुनकर अपने सर्वस्व ईश्वर और उसके राज्य के
लिए अर्पित किया, उनका स्वतः कर्त्तव्य बनता है कि
ईश्वरीय इच्छा को पहचाने और उसके अनुसार जीएं। इसका अर्थ कदापि यह नहीं कि केवल वे
ईश्वरीय इच्छा को पहचाने के लिए बुलाए गए है। इसके विपरित हर मानव, विशेष कर प्रत्येक ईसाई इसी के लिए बनया गया है। संत
इग्नासियुस अपनी पुस्तिका-आध्यात्मिक साधना में कहते है कि हर मनुष्य ईश्वर को आदर,
सम्मान करते हुए उसकी स्तुति करने और इस तरह ईश्वरीय महिमा
की वृद्धि के लिए सृष्ट किया गया है। जो इस सत्य को पहचानता है और उसके अनुरूप
जीता है, वह ईश्वर का कृपापात्र बनता है।
बेतलेहम
की चरनी में ईसा मसीह का जन्म ऐसे ही लोगों के लिए हुआ। इसी कारण स्वर्गदूतों ने
वह स्वर्गीय गीत गाया। दूतों का वह संदेश इस क्रिसमस तथा आने वाले नए वर्ष के हर
दिन हम लोगों के जीवन में सार्थक हो जाए। आप सबों को प्रभु येसु के जन्म पर्व और
नूतन वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाइयां।
फादर
जॉनसन केलकत,येसु समाजी
कुर्जी
पल्ली के प्रधान पुरोहित हैं।
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