बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समक्ष 9 सूत्री मांग को लेकर विशाल प्रदर्शन
पटना। पटना। बिहार राज्य आई.सी.डी.एस. महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन के बैनर तले जुलूस निकाला। गांधी मैदान से जुलूस निकालकर आर.ब्लॉक गए। वहां पर जोरदार प्रदर्शन किए। इसके साथ महिला पर्यवेक्षिकाओं का 60 घंटे का अनशन समाप्त हो गया।
बिहार राज्य आई.सी.डी.एस. महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष विन्देश्वर सिंह और महासचिव पार्वती देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को 9 सूत्री
स्मार-पत्र पेश किया गया है। अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका को बिना शर्त सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए शीघ्र नियमित किया जाए। स्थायी महिला पर्यवेक्षिका के वेतन के समान तत्काल मानदेय राशि दिया जाए। परीक्षा के नाम पर हटाने की साजिश पर रोक लगाया जाए। पांच लाख रूपए का जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जाए। पेंशन ग्रेच्युटी , अनुकम्पा एवं सभी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। चिकित्सा सुविधा, विशेषावकाश एवं अर्जित अवकाश दी जाए। अतिरिक्त कार्य हेु अतिरिक्त भत्ता तथा आई.सी.डी.एस. के अलावा अन्य कार्य न लिया जाए। लम्बित मानदेय का शीघ्र भुगतान किया जाए और चयन रद्द -रिकवरी पर मिलने वाले अंक के आधार पर अवधि विस्तार सिस्टम बनाया जाए।
सरकार के द्वारा 38 जिले
के
प्रखंडों
में
कार्यरत
महिला
पर्यवेक्षिका
का
शोषण
किया
जा
रहा
है।
साढ़े
तीन
साल
से
कार्यरत
हैं।
बतौर
मानदेय
12 हजार
रू.
मिलते
हैं।
एक
बार
भी
मानदेय
में
इजाफा
नहीं
किया
गया
है।
आंगनबाड़ी
केन्द्र
के
पर्यवेक्षण
करने
के
एवज
में
1000 रू.टी.ए.दिया जाता है। इस टी.ए.से अधिक ही खर्च करना पड़ता है।एक महिला पर्यवेक्षिका के अधीन 25 से
अधिक
आंगनबाड़ी
केन्द्र
का
पर्यवेक्षण
करना
पड़ता
है।
मोकामा
की
रंजू
कुमारी
कहती
हैं
कि
उनके
जिम्मे
72 आंगनबाड़ी
केन्द्र
है।
आलोक कुमार
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