Sunday 21 December 2014

बिहार निषाद संद्य का धरना

प्रभावित परिवरों को दस लाख और नौकरी देने की मांग

पटना। इस जिले में पालीगंज प्रखंड के मुगीला गांव में रहने वाले गरीब 4 गरीब मछुआरों को मौत के द्याट उतार दिया। हत्या के गर्भ में रंगदारी और दबंगई है। जो मुफ्त में मछली देने की मांग कर रहे थे। भैसासुर जलाशय के करीब टेंट लगाकर 5 गरीब मछुआरों मछली मार रहे थे। रात में भोजन करके मछुआरे 14 दिसम्बर को सो रहे थे। इतने में हथियार बंद दबंगों ने आकर दनादन गोली चालन करने लगे। मौके पर 4 मारे गए और 1 द्यायल हो गए। घायल का इलाज पीएमसीएच में हो रहा है।

बिहार निषाद संद्य के बैनर तले कारगिल चौक के निकट धरना दिया गया। इसमें भारी संख्या में सजातीय बिन्द लोगों ने रोषपूर्ण धरना दिए। मौके पर ई. हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने मछुआरों की सुरक्षा की मांग करते हुए प्रत्येक पीड़ित परिवारों को 10 लाख रू.मुआवजे और द्यायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गयी है। संद्य के प्रधान महासचिव रामाशीष चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रशासनिक विफलता के कारण ही निर्दोंष मछुआरों की हत्या कर दी गयी। प्रशसन सचेत रहता तो इस द्यटना को रोकने में कामयाब हो जाता।

इस अवसर पर प्रस्ताव पारित कर सरकार से प्रत्येक पीड़ित पांच परिवार को 10-10 लाख रू.,परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी, प्रत्येक परिवार को आवास की सुविधा तथा हत्यारों को गिरफ्तार करके फांसी की सजा दी जाए।

धरनार्थियों को संबोधित करने वालों में अवध कुमार चौधरी, उमेश निषाद, धीरेन्द्र कुमार निषाद, कृष्णा देवी,नीतू सिंह, मंजू देवी, राम शंकर विन्द, रद्युनाथ गांधी, राम भजन निषाद, राम प्रवेश निषाद, मनोज निषाद, विनोद सहनी, राजेश चौधरी, लालबाबू सहनी, प्रो0 मिथिलेश कुमार, राजेन्द्र चौधरी,विजय कुमार चौधरी, चरितर चौधरी,श्याम कुमार सहनी,शिव कुमार निषाद,जयमंगल चौधरी उमा शंकर आर्या, व्यास निषाद,जितेन्द्र प्रसाद आदि ने ओजस्वी में पक्ष रखे।

आलोक कुमार

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