Tuesday, 28 April 2015

भूमि अधिग्रहण कानून नहीं, जमीन हड़प कानून : गोविंदाचार्य

सरकार की गरीब विरोधी नीतियों को ले जाएंगे गांव-गांव तक

समग्र विकास के लिए भूमि सुधार आयोग एवं टास्क फोर्स सबसे बड़ी जरूरत

भोपाल। प्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं होने एवं किसान, गरीब व वंचित समुदाय के लिए बनाए गए कानूनों और नीतियों का पालन नहीं होने पर मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश भर से आए सैकड़ों आदिवासी एवं किसानों के बीच प्रसिद्ध गांधीवादी और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. का आज दूसरे दिन भी उपवास जारी रहा। उनके साथ 20 अन्य साथी भी उपवास पर हैं। भोपाल के नीलम पार्क में चल रहे चार दिवसीय उपवास एवं धरने में देश एवं प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी समर्थन देने के लिए उपवास में शामिल हो रहे हैं।

 
धरना को संबोधित करते हुए आज राजनीतिक एवं सामाजिक चिंतक के.एन. गोंविदाचार्य ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाया गया भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को भूमि लूट कानून कहा जाना चाहिए। सरकार उसे किसानों के हित में बता रही है, जो कि एक छलावा है। गरीब लोग सिर्फ अपने जीने का अधिकार मांग रहे हैं, पर सरकार उसे भी नहीं देना चाहती। उद्योगपतियों को दिए गए जमीनों में से वे 2 फीसदी का उपयोग करते हैं, बाकी जमीन को वे हड़प कर रखे हुए हैं। अध्यादेश लाने की इतनी जल्दी क्या थी, इससे साफ है कि उनकी नियत ठीक नहीं है। यह किसानों को खेती से बेदखल करने का साजिश है। मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश में जमीन संबंधी मामलों पर ध्यान नहीं देकर उद्योगपतियों के हित में कानून बना रही है।


पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भूख एक सामाजिक बीमारी है। जब समाज के लाखों लोग भूखे रहेंगे, तो समाज सुरक्षित कैसे रहेगा? हम इस बीमारी को ठीक करने के बजाय अलग-अलग कानूनों के माध्यम से इसे बढ़ा रहे हैं। भूमिहीनों को भूमि और किसानों की भूमि को सुरक्षित रखकर ही इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा कि भूमि के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए यूपीए सरकार कानून बनाई थी, पर उसे बदलकर किसान विरोधी बना दिया गया है। हम वंचितों एवं किसानों के हित में इस अध्यादेश के खिलाफ हैं और इस तरह के किसी भी कानून का विरोध करने के लिए एकता परिषद के साथ हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने कहा कि किसानों एवं गरीबों के विरोध में काम करने वाली सरकार का सच जनता के बीच ले जाने की जरूरत है।


श्री राजगोपाल ने कहा कि हम इस उपवास को सरकार के लिए चेतावनी मान रहे हैं। सरकार को हमारी मांगों पर त्वरित निर्णय लेना है। समग्र विकास के लिए भूमि सुधार आयोग एवं टास्क फोर्स आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसी तरह एकता परिषद के अन्य मांगों पर भी सरकार को ध्यान देना है, जिसमें वन अधिकार कानून का बेहतर क्रियान्वयन भी एक बड़ा मुद्दा है। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रन सिंह परमार ने कहा कि सरकार की गरीब विरोधी नीतियों को गांव-गांव तक ले जाएंगे। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि कल उपवास एवं धरने को समर्थन देने के लिए जल बिरादरी के राजेन्द्र सिंह भोपाल पहुंच रहे हैं।


अनीष कुमार

एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक


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