Tuesday 7 April 2015

आप पॉवर में रहे अथवा न रहे कोई फर्क नहीं पड़ता?

 गांवघर के महादलितों मुसहरों के बीच में व्यापक नाराजगी

पटना। बिहार में गजब हो रहा है। आप पॉवर में रहते हैं और आप पॉवर में नहीं रहते हैं। कोई मायने नहीं रखता है। जब किसी वीआईपी के साथ गजब होता है। तो मामला गम्भीर बन जाता है। यहीं हाल जीतन राम मांझी के साथ हो रहा है। जब मुख्यमंत्री थे तब उनको अपमानित किया गया था। अब सूबे के मुख्यमंत्री नहीं हैं तब भी अपमानित किया जा रहा है। वह भी जब भारतीय संविधान में अश्पृश्यता का उन्मूलन कर दिया गया है। यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार आजादी के 68 साल के बाद भी भारत में दलितों को महत्व नहीं दिया जा रहा है। हां, इस दौरान केन्द्र और राज्य में कई निजाम बदल गए। मगर नागरिकों की मानसिकता नहीं बदल पा रही है।

भारतीय संविधान में अस्पृश्यता का उन्मूलनः महादलित मुसहर समुदाय के साथ अन्याय हो रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में स्थित कामता पंचायत के कामता गांव में महादलित मुसहर समुदाय के लोगों को घर के सामने वाले मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है।यहां के लोगों ने मंदिर को जागीर बनाकर रख दिया है। मंदिर में बाजाप्ता लाठीधारी रहते हैं तो निगाह रखते हैं कि मंदिर के सामने घरों में रहने वाले मुसहरों को मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाए। अबतक महादलित मुसहर और अन्य महादलितों का प्रयास असफल साबित हो रहा है।जबतक कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी नहीं चाहेंगे। तबतक महादलितों का मंदिर में प्रवेश करना मुमकिन नहीं है।

आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को टारगेट क्यों बनाया जाता है? गौरतलब है कि जब जीतन राम मांझी पॉवर में थे तब भी लोगों ने माल्यार्पण करने के बाद प्रतिमा को धोया था। अब जीतन राम मांझी पॉवरहीन हो गए हैं, तब भी अपमानित किया जा रहा है। इस बार लोहिया विचार मंचऔर राष्ट्रीय जनता दल के छात्रों ने राममनोहर लोहिया की प्रतिमा को धोया और उस पर धूप-अगरबत्तियां दिखायी। यह हैरान करने वाला कृति है। आखिरकार कबतक पूर्व मुख्यमंत्री अपमानित का घुंट पीते रहेंगे।इस तरह से छुआछुत करने वालों के संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहते हैं कि जो वंदे प्रतिमा को पानी से धोएं हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे। लोहिया विचार मंच वाले लोगों को खुद ही विचार करना चाहिए कि आप लोगों ने महादलित के साथ महागलती कार्य कर रहे हैं।
और ऐसे हुआ प्रतिमा धोने का संपूर्ण प्रकरण बिहार में: सुपौल जिले के लोहियानगर चौक पर महान समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया की प्रतिमा पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के माल्यार्पण करने व बाद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ताओं की ओर से प्रतिमा धोए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सुपौल के सदर थाना में मामला दर्ज कराई गई है। मांझी का कहना है कि जिन्होंने प्रतिमा धोई, वो समाजवादी नहीं हो सकते।इस मामले में लोहिया की प्रतिमा धोने के मामले में सुपौल छात्र राजद के जिलाध्यक्ष को गिरफ़्तार कर लिया गया है। छात्र नेता के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।पुलिस के अनुसार, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने सहरसा जाते समय सुपौल में रुक कर लोहियानगर चौक स्थित लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मांझी के सहरसा रवाना होने के कुछ देर बाद वहां कुछ छात्र राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जिलाध्यक्ष अनोज कुमार आर्य, लोहिया विचार मंच के प्रमंडलीय अध्यक्ष दुखीलाल यादव और मुकेश के साथ पहुंचे। इन लोगों ने लोहिया की प्रतिमा धोई और फिर माल्यार्पण किया।सदर थाने में इस घटना को लेकर एक मामला दर्ज कराया गया है। सदर थाना प्रभारी राजकिशोर बैटा ने सोमवार को बताया, ‘दंडाधिकारी कालीचरण के बयान पर सदर थाने में इस मामले को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें राज्य में शांति व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए चार लोगों को नामजद किया गया है।उन्होंने कहा कि फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। इस पूरे मामले में मांझी ने कहा कि लोहिया किसी के छूने से अछूत नहीं हो सकते। जो लोग प्रतिमा को धो रहे हैं, वो समाजवादी हो ही नहीं सकते।

आलोक कुमार


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