Sunday, 24 May 2015

पहले आंदोलन वापस लो तब ही वार्ता संभव

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी ने तोहफा दिए और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छीन लिए
आंदोलन करने पर मजबूर 70 हजार गृह रक्षक


पटना। सूबे में 70 हजार की संख्या में 24 घंटे कार्यरत रहते हैं बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक। इनको सालभर में केवल 6 माह ही कार्य दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में रोटेशन पद्धति से कार्य दिया जाता है। शहर में कुछ अधिक दिनों का कार्य मिल जाता है। यह सब कवायद स्थायीकरण नहीं करने के लिए किया जाता है। इनको बिहार सरकार के द्वारा प्रारंभ में काफी कम रकम दैनिक भत्ता के रूप में दी जाती थी। दैनिक भत्ता वर्ष 1983 में 10 रूपए और वर्ष 1984 में 12 रूपए दिया जाता था। कई बार आंदोलन करने के बाद ही तब जाकर सीएम नीतीश कुमार ने 2 जून की रोटी जुगाड़ करने वालों को 6 जून 2013 को दैनिक भत्ता 300 रूपए कर दिए। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी ने दैनिक भत्ता में 100 रूपए वृद्धि कर दिए। जिसे सीएम नीतीश कुमार ने नामंजूर कर दिए है। इस तरह की तानाशाही प्रवृत्ति देखकर बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक संघ ने बेमियादी हड़ताल छेड़ दिया है।

बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवकों को 24 घंटे मुस्तैदी से कार्य करना पड़ता हैं।खाकी वर्दी पहनकर विधि व्यवस्था को संभालना पड़ता है। काम की जिम्मेवारी ढोने वाले गृह रक्षक वाहनों में बैठकर झपकी भी लेते हैं। मगर गृह रक्षकों को रायफल और गोली को संभालकर रखना पड़ता हैं।ऐसा ना कर सकने पर नौकरी तलवार पर लटकी रहती है। इनको थाना, बैंक, सरकारी प्रतिष्ठान आदि जगहों में कार्य करने को दिया जाता है। कुशलता प्राप्त गृह रक्षकों को वायरलैंस सेट, ड्राइवर,ऑपरेटर आदि का दायित्व संभालना पड़ता है। और तो और विशेष परिस्थितियों में मंत्री और अधिकारियों के घरों में भी काम करना पड़ता है।
इसके आलोक में आंदोलनरत गृह रक्षकों को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी ने विशेष तोहफा दिए। गृह रक्षकों की 58 साल में 2 साल वृद्धि करके आयु सीमा 60 साल कर दिए। सेवा से अवकाश ग्रहण करते वक्त एकमुश्त 3 लाख रूपए देना,वर्तमान दैनिक भत्ता 300 रूपए में 100 रूपए वृद्धि करके दैनिक भत्ता 400 रूपए कर दिए। वर्तमान यात्रा भत्ता 20 रूपए 30 रूपए वृद्धि करके 50 रूपए कर दिए। वहीं भोजन भत्ता के रूप में प्रति गृह रक्षक प्रतिदिन 50 रूपए कर दिए। वर्तमान सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जीतन राम माँझी के आदेश को दरकिनार कर लागू नहीं करने का निश्चय कर दिया।
फिर क्या था। बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक संघ ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी के द्वारा घोषित लाभ को गृह रक्षकों के बीच में लागू करवाने की माँग को लेकर अडिग हो गए। गृह रक्षकों ने संगठित होकर आंदोलन का शंखनाद कर दिए। प्रथम चरण में सूबे के सभी गृह रक्षक रायफल को सरकार के पास 11 मई 2015 को सुबह 8 बजे टांग दिए। इसे विधि व्यवस्था की समस्या बन गयी। दूसरे चरण में 15 मई से गृह रक्षक चक्का जाम आंदोलन चलाये। इसके बाद जेल भरो आंदोलन चलाए। अभी भी गृह रक्षकों का आंदोलन जारी है।
बिहार रक्षा वाहिनी स्वयं सेवक संघ के अध्यक्ष चन्देश्वर प्रसाद, उपाध्यक्ष रामाश्रय प्रसाद व रामनरेश सिंह, सचिव प्रहलाद ठाकुर, उप सचिव हरिचन्द्र सिंह, संगठन सचिव सकलदेव प्रसाद,सुरेश प्रसाद और अभय कुमार यादव ने कहा कि जबतक सरकार पाँच सूत्री मांग पूरी नहीं करती,तबतक आंदोलन जारी रहेगा। आदित्य प्रसाद कहते हैं कि 24 घंटे कार्य करने पर 3 सौ रूपए मिलते हैं। इसका मतलब 100 रू. में 8 घंटे कार्य करना पड़ता है। मजे की बात है कि छुट्टी लेने पर छुट्टी का पैसा कट जाता है। यह सब वरीय अधिकारियों पर निर्भय करता है।
आलोक कुमार

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