Tuesday 5 January 2016

बिहार घरेलू कामगार संगठन का प्रयास से न्यूनतम मजदूरी हासिल

जिल्लत की जिदंगी से निकालने में
संगठन सहायक

अब कामगारों को कानूनी अधिकार दिलवाने को बेताब

पटना। बिहार कामगार संगठन के बैनर तले जन सुनवाई आयोजित। इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायधीश वीएन सिन्हा, पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अल्का वर्मा, सिविल कोर्ट की वकील श्रुति सिंह,ओम प्रकाश और मो0गजनफर नवाब उपस्थित रहे।  

असंगठित महिला कामगार नीरू देवी कहती हैं कि उनको मकान मालिक द्वारा बकायी राशि नहीं दी जा रही है। 11 माह कार्य की थीं। प्रत्येक माह 8 सौ रू0 मिलता था। केवल 1 हजार रू0 देकर टरका दिया गया। संगठन ने सहयोग दिया। बीमार पढ़ने के बाद काम करने गयी थीं। तो रखा नहीं गया। मालिक द्वारा कहा गया कि दूसरी कामगार को रख ली हैं। शेखपुरा की 12 वर्षीय बाल घरेलू कामगार के साथ रोजाना मारपीट और शारीरिक शोषण की जाती थी। जिसे बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी मौत हो गयी। एक बाल घरेलू कामगार कहती हैं कि जिल्लत की जिदंगी से निकालने में संगठन सहायक बना।

बिहार कामगार संगठन से जुड़ी असरीता टोप्पों का कहना है कि इन कामगारों पर जर्बदस्त अत्याचार होते रहता है। बावजूद इसके कोई कानून नहीं बनाया जा सका है। जोरदार प्रयास करने के बाद बिहार गजट (असाधारण), के घरेलू कामगारों  को अनुसूची करवाने में सफल हो सके। अनुसूची-1 (ब) में उल्लेख है। अनुसूचित नियोजन का नाम-घरेलू कामगार, अधिसूचना संख्या-2782,2783 तिथि 28.09.2011,गजट संख्या-560 दिनांक 29.09.2011। बिहार गजट (असाधारण),4 नवम्बर 2015 के अनुसार बरतन धोना (प्रति घंटा) 589.00 प्रतिमाह। कपड़ा धोना/बरतन धोना (प्रति घंटा) 589.00 प्रतिमाह। बरतन धोना/कपड़ा धोना/एक हजार स्काव्यर फीट में पोछा लगाना (प्रति माह)। इन कामगारों को परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता दी जाती है। 01.10.2015 से 8.00 रू0 देय है। 

कपड़ा धोना/बरतन धोना/पोछा लगाना एवं बच्चों की देखभाल करने वाले को 4703.00 रू0 प्रतिमाह देय होगा। उसी तरह कपड़ा धोना/बरतन धोना/पोछा लगाना/बच्चों की देखभाल करना/बच्चों को स्कूल पहुंचाना एवं वापस लाना तथा अन्य घरेलू विविध कार्य करने वालों को 4703.00 रू0 प्रतिमाह देय होगा। इन दोनों श्रेणी के लोगों से 8 घंटा काम लिया जाएगा। इन कामगारों को परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता दी जाती है। इनको 01.10.2015 से 68 रू0 देय है। कामगारों की 5 कोटि में विभक्त कर दी गयी है। यह लोग अकुशल श्रेणी में आते हैं। इस राशि से भी कम ही रकम दिया जा रहा है।

परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता की दरे अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के उस औसत बिन्दु पर आधारित होगा जिस पर उपर्युक्त अनुसूचित नियोजनों में परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता की दरें निर्धारित/पुनरीक्षित की गई है।उपर्युक्त सूचकांक में यथास्थिति वृद्धि अथवा हªास के अनुसार न्यूनतम मजदूरी की दरों में उपर्युक्त अनुसूची के स्तंभ-4 में अंकित दर से वृद्धि या कमी की जायेगी और उसे परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता का अंश समझा जायेगा। परन्तु यदि सूचकांक उस बिन्दु से कम हो जाय जिस पर न्यूनतम मजदूरी की दरें निर्धारित/ मंहगाई भत्ता भुगतान उपर्युक्त दर से जनवरी-जून,2015 के औसत के आधार पर अक्टूबर,2015 से देय होगा और इसके बाद प्रत्येक छः महीने के औसत भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता की राशि में वृद्धि अथवा कमी संबंधित छमाही के तीन महीने बाद से लागू होगा। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना। 



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