भोपाल।
मध्यप्रदेश में सुशासन सरकार नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा रिट
पिटीशन क 2646/2006 (पीआईएल) में पारित निर्णय का अनुपालन
होने जा रहा है। यह पारित निर्णय 9 साल तक
लालफीताशाही के शिकार हो गया था।
मध्यप्रदेश
शासन,राजस्व विभाग के उपसचिव राजेन्द्र सिंह ने
दिनांक 208 अप्रैल 2015 क 186/प्र.स.रा./पीए/2015 के तहत पी.व्ही.राजगोपाल संस्थापक,एकता परिषद मध्यप्रदेश गांधी भवन,भोपाल को
लिखा कि मुझे आपको यह अवगत करने का निर्देश हुए है कि माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय
से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में उपरोक्त विषयांकित निर्णय के अनुपालन में
जिला स्तरीय टास्क फोर्स के गठन के संबंध में राज्य शासन द्वारा कार्यवाही प्रारंभ
कर दी गई है।
एकता
परिषद के तत्वावधान में नीलम पार्क में चार दिवसीय उपवास एवं धरना कार्यक्रम किया
गया। इसमें देश एवं प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी
समर्थन मिला। एकता परिषद और उनके नेताओं से सीएम की जान-पहचान है। इनको आश्वासन
नहीं दिए। मगर लगे हाथ 9 साल पूराने आदेश को अनुपालन कर जिला
स्तरीय टास्क फोर्स के गठन का लॉलीपॉप थमा दिया।
माननीय
उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा रिट पिटीशन क 2646/2006 (पीआईएल) में पारित निर्णय पर संज्ञान लेना चाहिए। आखिर पीआईएल को 9 साल के बाद अनुपालन किया
जा रहा है। इस बाबत सरकार से पूछना चाहिए कि क्या परिस्थिति थी कि आपने
पालन नहीं कर सके और अभी क्या परिस्थिति बन गयी है इसे पालन करने के लिए। वहीं जन
संगठनों को भी सीएम पर दबाव बनाने चाहिए कि इसे जल्द से जल्द लागू करें।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment