Wednesday 17 June 2015

9 दिनों से जारी हड़ताल को तत्कालिक प्रभाव से समाप्त


सरकार और यूनियन के साथ द्विपक्षीय समझौता

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार में आदेश पारित किया है कि 10 वर्षों तक संविदा पर कार्य करने वाले संविदा कर्मी की सेवा नियमित की जाय।

पटना।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद इम्पालाईज यूनियन ने मुख्य सचिव, बिहार की भावनाओं और भविष्य में परिषद कर्मियों की माँगों पर प्रधान सचिव ,शिक्षा विभाग के द्वारा सहानुभूतिपूर्वक एवं न्यायसंगत कार्रवाई के आश्वासन के आलोक में 9 दिनों से जारी हड़ताल को तत्कालिक प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद इम्पालाईज यूनियन के महासचिव शिव शंकर प्रसाद के द्वारा बताया गया कि 11 सूत्री माँगों की पूर्त्ति हेतु 8 जून को रैली करने एवं 9 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल में लगभग 1700 परियोजनाकर्मी के साथ-साथ 2000 संसाधन शिक्षक एवं 6000 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के सभी शिक्षक/कर्मी शामिल होकर प्रारंभिक शिक्षा के सभी कार्यों को पूरी तरह से ठप्प कर दिया। राज्य परियोजना निदेशक के साथ 9-10 जून को दो राउण्ड की वार्ता के उपरांत भी सहमति नहीं बनने के कारण प्रधान सचिव,शिक्षा विभाग से वार्ता होने तक हड़ताल पर डटे रहने का निर्णय लिया गया।

आज शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर.के.महाजन, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद इम्पालाईज यूनियन के महासचिव शिव शंकर प्रसाद,महेश कांत राय, शम्भू प्रसाद,शाहिद मोबिन,नरेश कुमार सिंह के साथ-साथ कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के प्रतिनिधि विद्यापति देवी एवं संसाधन शिक्षक के प्रतिनिधि सुजीत कुमार ने द्विपक्षीय वार्ता में शिरकत किए।
सरकार और यूनियन के बीच 11 बिन्दुओं पर सहमति बनी। बिहार शिक्षा परियोजना प्रबंधन संरचना के कर्मियों की सेवा स्थायी करने की माँग को सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक उ0स्त00/सा0प्र0-01/2015 -सा0प्र0-002/पटना,दिनांक 19-5-2015 के प्रपत्र के अनुसार प्रासंगिक समिति को 15 दिनों अंदर भेजने की कार्रवाई की जाएगी।वर्ष 2005 से रोक दी गई वार्षिक वेतन वृद्धि एवं 3 प्रतिशत अनुपालन भत्ता के भुगतान पर सम्यक विचार कर सक्षम प्राधिकार के समक्ष उपस्थापित किया जाएगा। वेतन वृद्धि, अवकाश, ग्रेच्यूटी एवं अन्य माँगों के संबंध में समीक्षा कर सम्यक निर्णय हेतु सक्षम प्राधिकार के समक्ष उपस्थापित किया जाएगा। क्षतिपूर्ति अवकाश के प्रावधान पर अलग से विचार किया जाएगा। सेवामुक्त कर्मियों के मामले में उनके द्वारा नियमानुसार व्यक्तिगत अभ्यावेदन देने पर उनके मामले की पुनः समीक्षा राज्य परियोजना निदेशक द्वारा की जाएगी। परियोजना के पत्रांक एसीसीटीटी-1404 दिनांक 26-02-2015 के द्वारा 5 प्रतिशत वेतन कटौती के मामले में कर्मी के द्वारा कार्य निष्पादन के तथ्य के आधार पर दण्ड से मुक्त किया जाएगा।जिला स्तरीय कार्यालय के किसी पदाधिकारी के द्वारा किसी परियोजना कर्मी के साथ दुर्व्यवहार किये जाने पर राज्य परियोजना निदेशक/अपर राज्य परियोजना निदेशक के संज्ञान में लाया जाएगा ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। रिसोर्स टीचर्स एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के कर्मियों के समस्याओं के संबंध में अलग से विचार किया जाएगा। हड़ताल अवधि क समायोजन अर्जितावकाश से किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर.के.महाजन के हस्ताक्षर से पत्रांक 168/सी दिनांक 17/6/15 निर्गतकर यूनियन के महासचिव को सूचनार्थ प्रतिलिपि प्रेषित है।

फ्रेजर रोड में स्थित यूथ होस्टल छात्रावास परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना, जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय कार्यक्रम, प्रारम्भिक स्तर पर बालिकाओं के लिए शिक्षा (एन0पी00जी00एल0) इत्यादि कार्यक्रमों का सफल संचालन किया है। परियोजना कर्मियों ने विगत दो दशकों में प्रारम्भिक विद्यालयों की सूरत बदली जिसस शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ और राज्य सरकार को बाहवाही भी मिली। हमारे मेहनत का ही नतीजा है कि आज राज्य के लगभग 82000 प्रारम्भिक वि़द्यालयों में लगभग 2 करोड़ बच्चे अपने सुनहरे भविष्य के सपने सजो रहें। लेकिन इतना समर्पण एवं मिशन भावना से कार्य करने वाले इन परिषद कर्मियों को लगातार याचना करने के पश्चात भी न्यूनतम पारिश्रमिक नहीं मिल सकी जिससे समय के साथ हम अपनी न्यूनतम उत्तरदायित्वों को पूरा कर सके और अपने परिवार एवं बच्चों के साथ भी न्याय कर सके।

उड़ीसा एवं अन्य कई अन्य राज्यों में जहाँ एक तरफ सर्व शिक्षा अभियान के कर्मियों की सेवा नियमित करने एवं उन्हें सम्मानजनक वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है वहीं बिहार राज्य में शिक्षा विभाग के द्वारा इन कर्मियों के साथ हमेशा से दमनकारी नीति अपनाते हुए इन्हें न्यूनतम वेतन एवं अन्य सुविधाओं के लाभ से वंचित रखते हुए भयपूर्ण वातावरण में कार्य करते रहने को विवश किया गया है। साथ ही इन परिषद कर्मियों के नियमितिकरण एवं अन्य वेतन संबंधी विसंगतियोंको दूर करने की दिशा में कोई कार्रवाई करनाा विभाग / सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। ज्ञातव्य हो कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार में आदेश पारित किया है कि 10 वर्षों तक संविदा पर कार्य करने वाले संविदा कर्मी की सेवा नियमित की जाय।

संसाधन शिक्षक प्रतिनिधि सुजीत कुमार, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की विद्यावती कुमारी,राज्य कार्यकारिणी समितिके सदस्य डा0 नरेश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष महेश कांत राय और महासचिव शिव शंकर प्रसाद ने भी संबोधित किया।


आलोक कुमार

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