पटना। यह
सुशासन सरकार है। एक ही संस्थान से अध्ययन किए। परीक्षा दिए और उर्त्तीण होकर
संविदा पर बहाल होकर कार्यशील हैं। दूसरी ओर उसी संस्थान से अध्ययन किए। परीक्षा
दिए और उर्त्तीण होकर बेरोजगार हो गए। नौकरशाहरों के द्वारा यह कहा जाता है कि 2013 में नियमावली में परिवर्तन कर दिया गया है। मगर 2013 में नियमावली में परिवर्तन किए हैं मगर 2014 में उर्त्तीण अमीनों को संविदा में बहाल किया गया। जब
उर्त्तीण अमीनों की बारी आयी तो नियमावली में परिवर्तन की बात कहकर नियुक्ति पत्र
ही नहीं दे रहे हैं।
अमीन संघ
के मीडिया प्रभारी उमेश कुमार का कहना है कि केवल एक अमीन पद है और योग्यता दो तरह
की है। इस उद्धहारण यह है कि जिस प्रमाण पत्र से उर्त्तीण अमीन कार्यरत हैं। उसी
अमानत प्रमाण पत्र पर ली गयी परीक्षा उर्त्तीण अमीन अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र
देने में अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है। श्री कुमार ने कहा कि जिस अमानत की
प्रमाण पत्र को लेकर सरकार हाय तौबा मचा रही है। वे संस्था बिहार सरकार के निबंधन
विभाग द्वारा निबंधित संस्था है। बिहार सरकार के अधीनस्थ अधिकारी उन्हें संचालित
एवं प्रचार-प्रसार कराती है। प्रशिक्षण प्रदान कराती है। जिसमें डीएम,एडीएम,बीडीओ और सीओ
शामिल होते हैं।
जमीन
मापने वाले ‘अमीन’ तरकारी तौल रहे हैं। यह नजारा कारगिल चौक के बगल का है। अमीन संघ के
तत्तावधान में आंदालेन संचालित है। सरकार के नौकरशाहों के पास जाकर माथा टेकने के
बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने के बाद आंदोलनरत हैं। मजे की बात है। कि सुशासन बाबू
के नौकरशाह संस्थान को अवैध करार रहे हैं। उसी संस्थान से उर्त्तीण होने वाले
कार्यरत है। नौकरशाह इन अमीनों को नौकरी में बहाल ही नहीं कर रहे हैं।
आलोक
कुमार
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