लाठी से मार
खाकर चाचू इन्दिरा गाँधी आकस्मिक सेन्टर में
मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा शर्मशार होते-होते बचा
पटना। मुसहर समुदाय की
नवविवाहिता की अस्मत लुटने की रेकी किए। योजनानुसार संध्याकालीन नवविवाहिता
शौचक्रिया करने जाएगी। अस्मत लुटने वाले सभी तीन लोगों के हाथों में लाठी रहेगी।
लाठी के ही बल पर अस्मत लुटने का प्रयास होगा। इस बीच घर से निकलकर नवविवाहिता
बाहर जाने लगी। अंधेरे और झुरमुट में जा रही थीं कि अस्मत लुटने वाले आ गए।
नवविवाहिता रास्ते में अचानक व्यवधान आते देख जोर-जोर से हल्ला करने लगी। इतने में
लाठीधारियों ने विवाहिता पर वार करने लगे। ऐसा होने पर विवाहिता के सिर फट गया। इस
बीच हल्ला सुनकर विवाहिता को बचाने लोग आगे आए। इसमें विवाहिता के पिताश्री और दो
चाचा शामिल थे।
लाठीधारियों ने विवाहिता
को छोड़कर निहत्थे मैदान में आने वालों को लाठी से मारने लगे। लाठी की मार खाकर
विवाहिता के पिताश्री भाग खड़े हुए। मगर उसके दोनों चाचा ने मुकाबला करना शुरू कर
दिए। दोनों चाचा लाठी से मार खाते रहे। मगर दोनों ने मिलकर भतीजी को आबरू बचाने
में सफल हो गए।
इसके बाद लाठी से मार
खाकर घायल होने वाले पीएचसी में इलाज करवाने गए। गंभीर चोट खाने वाले लोगों को
पीएमसीएच रेफर कर दिया। नवविवाहिता को दवा-दारू करके घर भेज दिया गया। इसके बाद लोग
निकटवर्ती थाने में जा धमके। थानाध्यक्ष ने कहा कि पहले इलाज करवा लें। इसके बाद
मामला दर्ज होगा। वृहस्पतिवार की देर रात दोनों को पीएमसीएच के इन्दिरा गाँधी
आकस्मिक सेन्टर में भर्ती कर लिया गया। एक को सिर में जोरदार और दूसरे को पैर में
चोट लगी है।
इन्दिरा गाँधी आकस्मिक
सेन्टर में घायल की पत्नी बताती हैं कि हमलोग सजातीय हैं। श्रावणी पूजा और विवाह
के अवसर पर बैठकर खाना खाते हैं। किस वजह से तीनों पागल हो गए थे? यह पता नहीं चल पा रहा
है। हमलोग घायलों को इलाज करवाने तीन लोग आए हैं। कल से ही भूखे हैं। केवल बबुआ को
बाजार से ब्रेड खरीदकर खाने के लिए दिया जा रहा है। बाकी शेष लोग भूखे हैं। यहाँ
के सेन्टर में एक को स्ट्रेचर पर और दूसरे को बेड पर लिटाया गया है। बेडशीट नहीं
दिया गया है और न ही भोजन की व्यवस्था ही की गयी है। कुल मिलाकर महादलित मुसहर
समुदाय के लोग तकलीफ में हैं। प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरह हॉस्पिटल में सोशल वर्कर
नहीं हैं। जो अनजान लोगों को जानकारी दे सके और उपलब्ध सुविधाओं से लाभ दिलवा
सकें।
आलोक कुमार
No comments:
Post a Comment