नालंदा की है सोनी परवीन।उम्र 17 साल है। सोनी का जुर्म है शादी से इनकार। बहर्शी ने सोनी को सजा दी। आधी रात को पहले दुष्कर्म करने की कोशिश की। फिर तेजाब से जला दिया। दिल दहला देने वाली सजा क्यो मिली? इसके न तो अरमान बड़े थे न सपने।
अभी नवादा की रहने वाली पीएमसीएच में भर्ती हैं। इस लड़की का बस इतना दोष है कि इसने शादी से इनकार किया। बहर्शी लड़कों ने यह हश्र और अंजाम दे दिया। एक एन.जी.ओ.नेत्री वर्षा ने पी.एम.सी.एच. के चिकित्सकों से भीड़ गयी। पहले ही से वर्षा एसिड पीड़ित महिलाओं के साथ कार्य कर चुकी है। पटना जिला के मनेर थानान्तर्गत छितनावां गांव में रहने वाली दो बहनों का मामला झेल रही हैं। अपराधी जेल गए और अभी जमानत पर बाहर है। उन लोगों की जमानत रद्ध करने का कार्य अंजाम दे रही है।वर्षा का योगदान उल्लेखनीय है। उसने विपरित परिस्थिति में सोनी को पीएमसीएच में दाखिला दिलवा सकीं। दस दौरान दोतरफा हाथापाई से उत्पन्न बवाल से पीएमसीएच के चिकित्सक हड़ताल पर है। आज तीसरे दिन भी हड़ताल जारी है। दैनिक रोजनामा हिन्दुस्तान की संवाददाता सविता कुमारी से सप्राप्त चित्र है।
घरेलू कामगार यूनियन की नेता असरीता टोप्पो ने जानकारी दी हैं कि कल 22 सितम्बर को 3 बजे से मौन जुलूस निकलेगा। राजधानी की तमाम महिला संगठन जुड़ेगी। आकाशवाणी पटना से जुलूस निकलेगा।
आलोक कुमार |
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