अध्यक्ष ने कहा एफ.आई.आर. और पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत
करें
पटना।
राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने आश्वासन दिया है कि सड़क
दुर्घटना में मारे गए सोहन मांझी की विधवा शनिचरी देवी को मुजावजा देने की
प्रक्रिया शुरू करेंगे। जल्द से जल्द आयोग के कार्यालय को एफ.आई.आर. और
पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत करें।पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष डॉ0 आर.के.दुबे ने एफ.आई.आर.दर्ज करके एक प्रति सूचक और विधवा
शनिचरी देवी के अग्रज अर्जुन मांझी को दे दिया है।
पाटलिपुत्र थाना में 14 अक्टूबर,2015 को एफ.आई.आर.दर्ज किया गया है। केस
नं0384/15 है। आई.पी.सी.304(ए) के तहत मामला दर्ज है। अनुसंधानकर्ता डी.के. राय हैं। दर्ज एफ.आई.आर.
में कहा गया है कि 13 अक्टूबर,2015 की रात में खाना-पीना करके घर में सोहन मांझी सो गए। करीब डेढ़ -पौने दो
बजे रात में सड़क की दूसरी तरफ स्थित चापाकल पर पानी पीने गए थे और जब पानी पीकर
लौट रहे थे तो अचानक राजापुर पुल तरफ से आ रहे किसी तेज रफ्तार और लापरवाही से
गाड़ी चलाते चालक द्वारा उन्हें धक्का लग गया और ऐसा लगता है कि वाहन का चक्का उनके
शरीर पर चढ़ गया,जिससे उनका शरीर क्षत-विक्षत हो गया
और वहीं उनकी तत्काल मृत्यु हो गई।
अर्जुन
मांझी (उम्र करीब 40 वर्ष) पे0 स्व0 समुंदर मांझी सा0 एल.सी.टी.घाट मुसहरी था0- पाटलिपुत्र जिला पटना है। मैं आज दिनांक 14 अक्टूबर,2015 को रात्रि ढाई बजे आप थाना के बड़ा
बाबू के समक्ष एल.सी.टी.घाट के निकट सड़क किनारे यह बयान देता हूं कि मेरी छोटी बहन
श्रीमती शनिचरी देवी का पति (अर्थात मेरा बहनोई) सोहन मांझी है। धक्का लगने के बाद
हल्ला होने पर एल.सी.टी.घाट के लोग रोड पर आए एवं सड़क किनारे अपने बहनोई को मरा
देखें। दुर्घटना करने वाले वाहन को हमलोग नहीं देख सके। मेरे बहनोई लेबर का काम
करते थे और अपने चार बच्चों तथा पत्नी का परवरिश करते थे। गवाही में हरेकृष्णा
मांझी के पुत्र पिंटू मांझी और समुंदर मांझी के पुत्र सजुन मांझी हैं।
मेरे
बहनोई सोहन मांझी की मौत किसी अज्ञात बड़े वाहन द्वारा तेजी एवं लापरवाही से गाड़ी
चलाने के कारण हो गयी है। घटित घटना के आलोक में महादलित मुसहर परिवार को सरकारी
मापदंड के अनुसार मुआवजा देने का कष्ट करेंगे। माननीय अध्यक्ष महोदय,राज्य अनुसूचित जाति आयोग से निवेदन है कि घटना में मारे गए
सोहन मांझी की पत्नी शनिचरी देवी को सरकारी मापदंड के अनुसार मुआवजा देने का कष्ट
करेंगे। साथ ही मृतक के चार बच्चों के भविष्य उज्जवल बनाने के लिए बच्चों को
आवासीय विघालय में दाखिल कर पढ़ाने की व्यवस्था कर दें।
आलोक
कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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