Friday 20 November 2015

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविघालय,रीवा द्वारा आयोजित चतुर्थ दीक्षांत समारोह में राजगोपाल पी.व्ही.को मानक उपाधि

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा में चतुर्थ दीक्षांत समारोह में डॉक्टरेक्ट की उपाधि पी.व्ही.राजगोपाल को दिया गया।  अवधेश प्रताप सिंह विश्वविघालय,रीवा के द्वारा डॉक्टरेक्ट की उपाधि दी गयी।

केरल के रहने वाले हैं पी.वी.राजगोपाल।कन्नूर जिले के थिलेनकेरी गांव में जन्म हुआ है। 2001 के जनगणना के अनुसार गांव में 13661 में 6550 पुरूष और 7111 महिलाएं थीं। वे 67 साल के हैं। वर्धा में सेवा ग्राम में कृषि का अध्ययन किया। चंबल (मध्य प्रदेश) के हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में काम किया।70 के दशक में वह डकैतों के पुनर्वास के लिए मदद कर रहा है। बाद के वर्षों में, राजगोपाल कई आदिवासी क्षेत्रों की यात्रा की और दुर्दशा और भारत के जनजातीय लोगों की जरूरतों को समझने का कार्य किया। उनके कारण, अपने जीवनकाल के मिशन का हिस्सा बन गया। मध्य प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के पार जाकर लोगों को प्रशिक्षण देकर संगठनों को एक नंबर पर स्थापित करने के बाद,एक पीपुल्स संगठन के समेकन के लिए नेतृत्व किया है, अर्थात इस पीपुल्स संगठन पर ध्यान केंद्रित किया है 1991 में एकता परिषद का गठन किया। आजीविका के संसाधनों में पर नियंत्रण वन अधिकार लागू किया जा रहा नहीं कर रहे हैं, जहां एक भूमि को पकड़ा जा रहा है, जहां पर्यावरण, और। यह अधिक चुनौतीपूर्ण आत्मनिर्भर समुदायों और स्थानीय प्रशासन की उन्नति के पर ध्यान दिया जा रहा है। युवातुर्क नेता सुब्बा राव के नजदीक गए। युवातुर्क नेता सुब्बा,लोकनायक जयप्रकाश नारायण और सामाजिक कार्यकर्ता पी.वी.राजगोपाल ने मिलकर चम्बल के बागी दस्युओं को आत्मसमर्पण करवाने में सफल हो गए। कोई 600 से अधिक बागियों ने आमसमर्पण किए। इसके बाद राजगोपाल जी सामाजिक कार्य करने में माहिर हो गए।पीछे मुड़े नहीं और आगे बढ़ चढ़कर जल,जल,जमीन सदृश्य प्राकृतिक संसाधनों को जनता के अधीन करने का जनांदोलन करने लगे। गांधी,विनोबा और जयप्रकाश जी के मार्ग पर चलकर सत्य और अहिंसा का बढ़ावा देने लगे और भूमि अधिकार अभियान भी चलाया।

प्रसिद्ध गाँधीवादी हैं राजगोपाल पी.वी. गांधी शांति प्रतिष्ठान,नयी दिल्ली के उपाध्यक्ष थे। सत्तर के दशक में सेवा ग्राम में कृषि के छात्र थे। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर एकता परिषद नामक जन संगठन का निर्माण किया। तभी एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष बनाए गए। यू.पी..सरकार के कार्यकाल में जनादेश 2007 में भूमि अधिकार अभियान के तहत ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा का सफल नेतृत्व महानायक के रूप में किए। 25 हजार वंचित समुदाय पांव-पांव चले। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार आयोग के सम्मानित सदस्य रहे।राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू करने की मांग को लेकर ग्वालियर से आगरा तक जन सत्याग्रह 2012 के तहत पदयात्रा किए। 75 हजार से अधिक लोग पदयात्रा में शिरकत किए। इस पदयात्रा का भी महानायक थे।केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में गठित लैंड ट्रास्क फोर्स के सम्मानित सदस्य हैं। यू.पी..सरकार द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का समर्थन किए। इस कानून के समर्थन में पदयात्रा किए।

एकता परिषद,मध्य प्रदेशों के कार्यकर्ताओं ने डॉ. राजगोपाल पी.व्ही. को बधाई दी है।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।

No comments: