
केरल के रहने वाले हैं पी.वी.राजगोपाल।कन्नूर जिले के थिलेनकेरी गांव में जन्म हुआ है। 2001 के
जनगणना
के
अनुसार
गांव
में
13661 में
6550 पुरूष
और
7111 महिलाएं
थीं।
वे
67 साल
के
हैं।
वर्धा
में
सेवा
ग्राम
में
कृषि
का
अध्ययन
किया।
चंबल
(मध्य
प्रदेश)
के
हिंसा
ग्रस्त
क्षेत्र
में
काम
किया।70 के
दशक
में
वह
डकैतों
के
पुनर्वास
के
लिए
मदद
कर
रहा
है।
बाद
के
वर्षों
में, राजगोपाल कई आदिवासी क्षेत्रों की यात्रा की और दुर्दशा और भारत के जनजातीय लोगों की जरूरतों को समझने का कार्य किया। उनके कारण, अपने जीवनकाल के मिशन का हिस्सा बन गया। मध्य प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के पार जाकर लोगों को प्रशिक्षण देकर संगठनों को एक नंबर पर स्थापित करने के बाद,एक पीपुल्स संगठन के समेकन के लिए नेतृत्व किया है, अर्थात इस पीपुल्स संगठन पर ध्यान केंद्रित किया है 1991 में
एकता
परिषद
का
गठन
किया।
आजीविका
के
संसाधनों
में
पर
नियंत्रण
वन
अधिकार
लागू
किया
जा
रहा
नहीं
कर
रहे
हैं, जहां एक भूमि को पकड़ा जा रहा है, जहां पर्यावरण, और। यह अधिक चुनौतीपूर्ण आत्मनिर्भर समुदायों और स्थानीय प्रशासन की उन्नति के पर ध्यान दिया जा रहा है। युवातुर्क नेता सुब्बा राव के नजदीक आ गए। युवातुर्क नेता सुब्बा,लोकनायक जयप्रकाश नारायण और सामाजिक कार्यकर्ता पी.वी.राजगोपाल ने मिलकर चम्बल के बागी दस्युओं को आत्मसमर्पण करवाने में सफल हो गए। कोई 600 से
अधिक
बागियों
ने
आमसमर्पण
किए।
इसके
बाद
राजगोपाल
जी
सामाजिक
कार्य
करने
में
माहिर
हो
गए।पीछे
मुड़े
नहीं
और
आगे
बढ़
चढ़कर
जल,जल,जमीन सदृश्य प्राकृतिक संसाधनों को जनता के अधीन करने का जनांदोलन करने लगे। गांधी,विनोबा और जयप्रकाश जी के मार्ग पर चलकर सत्य और अहिंसा का बढ़ावा देने लगे और भूमि अधिकार अभियान भी चलाया।

एकता परिषद,मध्य प्रदेशों के कार्यकर्ताओं ने डॉ. राजगोपाल पी.व्ही. को बधाई दी है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।
No comments:
Post a Comment