
मां चौहट्टा में वोट डालने गयी हैं
पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर एक में दीघा मुसहरी है। यहां के मतदाता सुबह में ही मतदान देने निकल गयीं। इनलोगों की सोच रही कि जल्दी जाने से जल्दी वोट डालकर आ आएंगे। घर से निकलकर चौहट्टा दीघा निकल गए। इस बीच मां के बदले में रोटी के जुगाड़ करने बच्चे निकल पड़े। कद से बड़ा बोरा निकलकर चल पड़े। बासकोठी के सामने कुड़ा का समुन्द्र है। वहां पर कूड़े के ढेर पर बच्चे किस्मत तलाशने लगे। इन बच्चों का कहना है कि भइया वोट डालने गयी हैं। अगर वोट डालने में विलम्ब हो जाएगा, तो कूड़ों के ढेर पर रद्दी कागज,प्लास्टिक,शीशा आदि मिलेगा ही नहीं। इसी लिए भइया कह गयी है कि चुनने निकल जाना। अगर रद्दी चुनकर नहीं बेचेंगे तो दो जून की रोटी नहीं मिल पायेगी।
एक तरफ येसु और दूसरी तरफ हाथी
एक जानकार व्यक्ति को महिला कहती हैं। जय येसु! इसने ईसाई धर्म अंगीकार कर ली हैं। जिस जानकार व्यक्ति से मुलाकात की हैं। वह भी ईसाई धर्म स्वीकार कर रखा है। व्यक्ति ने कहा कि आप कहा से आ रही हैं? महिला बताती हैं कि वोट देकर आ रही हैं। अपने जाति के अनुसार ही हाथी छाप पर बटन दबाकर वोट देकर आ रही हैं। इससे साबित होता है कि यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की जाति की हैं। इसने हिन्दू से ईसाई धर्म स्वीकार कर ली हैं। इसने धर्म स्वीकार किया है। जाति तो जन्मजात ही होती है। मगर जन्मजात अनुसूचित जाति के होने के बाद भी आरक्षण की सुविधा से वंचित कर दी हैं। राजनैतिज्ञों का कहना है कि अनुसूचित जाति के लोगों के द्वारा धर्म परिवर्तन करने के बाद आरक्षण सुविधा नहीं दी जाती है। उनको अनुसूचित जाति से हटाकर पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र थमाया जाता है।
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