बेतिया धर्मप्रांत में 2 साल 5 महीने से बिशप पद रिक्त
फादर अरूण अब्राहम को बिशप नियुक्त करने
का आग्रह
बेतिया। ईसाई समुदाय का उद्गम स्थान है
बेतिया। राजा ध्रुव सिंह शसक थे। ईसाई कलीसिया द्वारा बेतिया के राजा से मानव सेवा
करने की अनुमति मांगी गयी। इसे स्वीकार कर राजा ने रोम में बैठे पोप बेनेडिक्ट
ग्प्ट को अनुमति प्रदान कर दी। पोप बेनेडिक्ट ने फादर जोसेफ मेरी, ओएफएम कैप को जिम्मेवारी सौंपा। फादर जोसेफ मेरी ने बेतिया को
केन्द्र में रखकर सन् 1745 में बेतिया मिशन की बुनियाद डाली। इस
तरह फादर जोसेफ मेरी को बेतिया मिशन के संस्थापक बनने का गौरव प्राप्त किए।
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और 370 साल का बेतियाः वर्ष 2012 में बेतिया की 15,891,000 में ईसाइयों की संख्या 5810 है। बेतिया का शानदार इतिहास है 370 साल। यहां के लोग संसारभर में फैले हैं। खुद को पुराना ईसाई
समझते हैं। पिछड़ी जाति के ईसाई हैं। बच्चों का नामकरण अंग्रेजों के अनुसार ही है।
जो किसी न किसी संत का नाम है। अब तो हिन्दी वाले नामकरण रखते हैं। सरकार से काफी
संवाद और संघर्ष करने के बाद पिछड़ी जाति का प्रमाण-पत्र निर्गत होता है।
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फादर अरूण अब्राहम को बिशप नियुक्त करें |
बेतिया धर्मप्रांत का सृजनः पटना
धर्मप्रांत 10 सितम्बर 1919 में स्थापित। 3 अगस्त 1956 को पटना धर्मप्रांत के क्षेत्र से बाहर होकर भागलपुर
धर्मप्रांत स्थापित। 6 मार्च 1980 को पटना धर्मप्रांत के क्षेत्र से बाहर होकर मुजफ्फरपुर
धर्मप्रांत स्थापित। 7 अक्टूबर 1983 को पटना धर्मप्रांत के क्षेत्र से सुई ईरूइस ऑफ नेपाल
स्थापित। 16 मार्च 1999 को पटना महाधर्मप्रांत का गठन। मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के
क्षेत्र से बाहर होकर बेतिया धर्मप्रांत स्थापित। पटना महाधर्मप्रांत के क्षेत्र
से बाहर होकर बक्सर धर्मप्रांत स्थापित। बेतिया के ही पटना महाधर्मप्रांत के
महाधर्माध्यक्ष बेनेडिक्ट जौन ओस्ता और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जौन
बी ठाकुर थे।
बेतिया धर्मप्रांत का प्रथम धर्माध्यक्ष
विक्टर हेनरी ठाकुरः रायपुर धर्मप्रांत से आयात करके बेतिया धर्मप्रांत के बिशप
विक्टर हेनरी ठाकुर को लाया गया। जबकि अनेक योग्य पुरोहित थे। जो बिशप का दायित्व
निर्वाह करने में सक्षम थे। फादर लौरेंस पास्काल, फादर काजीटेन फ्रांसिस ओस्ता, फादर अरूण इग्नासियुस,
फादर
सेराफिम जौन आदि। खैर, 27 जून 1998 को विक्टर हेनरी ठाकुर को बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष
बनाया गया। बेतिया धर्मप्रांत में 5 साल 3 जुलाई 2013 तक बिशप रहे। इसके बाद पोप फ्रांसिस ने
रायपुर धर्मप्रांत को रायपुर महाधर्मप्रांत गठन करके विक्टर हेनरी ठाकुर को
पदोन्नत करके महाधर्माध्यक्ष बना दिया। वहीं बेतिया धर्मप्रांत के प्रशासक के रूप
में फादर लौरेंस पास्काल को पद स्थापित कर दिया गया। फादर काजीटेन फ्रांसिस ओस्ता
को 11 जुलाई 2014 को मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत का बिशप बना दिया गया। मुजफ्फरपुर
धर्मप्रांत के बिशप जे0बी0ठाकुर अवकाश ग्रहण कर गए। अब फादर अरूण
इग्नासियुस और फादर सेराफिम जौन बच गए हैं। जो बिशप के योग्य है।
धन्य वर्जिन मेरी नामक कैथेडलः यहां के
लोग प्रार्थना करते हैं कि बेतिया धर्मप्रांत में 2 साल 5 महीने से बिशप नहीं हैं। अभी बेतिया
धर्मप्रांत के प्रशासक फादर लौरेंस पास्काल हैं। अधिकृत रूप से सीधे पटना
महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बिलियम डिसूजा के अधीन है। धन्य वर्जिन मेरी चर्च
में प्रार्थना करने यहां के लोग जाते हैं। इस समय लोग प्रार्थना में ईसा मसीह और
पोप फ्रांसिस से विनती कर रहे हैं कि 2 साल 5 महीने से रिक्त बिशप के पद पर फादर अरूण अब्राहम को बिशप
नियुक्त कर दें।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।
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