Wednesday 2 December 2015

आजतक कोई सभाध्यक्ष महिला नहीं


 सभाध्यक्ष के 78 वर्ष के इतिहास में पुरूषों का ही दबदबा

मुख्यमंत्री पद पर राबड़ी देवी 51 साल के बाद आसीन

पटना। बिहार विधान सभा में पुरूषों का ही आधिपत्य है। यह हकीकत है कि पूरी तरह से महिलाओं को पुरूषों के रहमो-करमो पर ही निर्भर रहना पड़ता है। सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्णा सिंह थे। मुख्यमंत्री के पद पर 1946 से 31 जनवरी 1961तक रहे। मुख्यमंत्री पद पर राबड़ी देवी 51 साल के बाद आसीन हो सकी। इस तरह राबड़ी देवी प्रथम महिला मुख्यमंत्री बन सकीं। इसके बाद महिलाओं को मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है।

आज बिहार विधान सभाध्यक्ष का सर्वसम्मति से चयन विजय कुमार चौधरी का हुआ है।बिहार विधान सभा के प्रथम सभाध्यक्ष है श्री रामदयालु सिंह हैं। जो सभाध्यक्ष पद पर 23.07.1937-11.11.1944 तक विराजमान थे।सभाध्यक्ष के 78 वर्ष के इतिहास में पुरूषों का ही दबदबा बरकरार है। आजतक कोई सभाध्यक्ष महिला नहीं बन सकी हैं।

उल्लेखनीय है कि 21 वीं की महिलाएं धरती से आसमान तक फतह कर चुकी हैं। देश की राष्ट्रपतिप्रधानमंत्रीलोकसभाध्यक्ष,  मुख्यमंत्री आदि पर सफलतापूर्वक कार्य निष्पादन कर चुकी हैं। बिहार का दुर्भाग्य है कि महिलाओं को समुचित प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है। आजतक बिहार विधान सभाध्यक्ष नहीं बन सकी हैं।

सीएम नीतीश कुमार ने त्रिस्तीय ग्राम पंचायत में महिलाओं को आरक्षण दे रखा है। यहां तक एकल पद भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। बावजूद, इसके महिलाओं में नेतृत्व विकसित नहीं हो रहा है? इस ओर ध्यान और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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