सभाध्यक्ष के 78 वर्ष के इतिहास
में पुरूषों का ही दबदबा
मुख्यमंत्री पद पर
राबड़ी देवी 51 साल के
बाद आसीन
पटना। बिहार विधान
सभा में पुरूषों का ही आधिपत्य है। यह हकीकत है कि पूरी तरह से महिलाओं को पुरूषों
के रहमो-करमो पर ही निर्भर रहना पड़ता है। सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्णा
सिंह थे। मुख्यमंत्री के पद पर 1946 से 31 जनवरी 1961तक रहे।
मुख्यमंत्री पद पर राबड़ी देवी 51 साल के बाद आसीन हो सकी। इस तरह राबड़ी देवी
प्रथम महिला मुख्यमंत्री बन सकीं। इसके बाद महिलाओं को मुख्यमंत्री बनने का
सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 21 वीं की महिलाएं
धरती से आसमान तक फतह कर चुकी हैं। देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभाध्यक्ष, मुख्यमंत्री आदि पर
सफलतापूर्वक कार्य निष्पादन कर चुकी हैं। बिहार का दुर्भाग्य है कि महिलाओं को
समुचित प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है। आजतक बिहार विधान सभाध्यक्ष नहीं बन सकी
हैं।
सीएम नीतीश कुमार
ने त्रिस्तीय ग्राम पंचायत में महिलाओं को आरक्षण दे रखा है। यहां तक एकल पद भी
आरक्षण का प्रावधान किया गया है। बावजूद, इसके महिलाओं में नेतृत्व विकसित नहीं हो
रहा है? इस ओर
ध्यान और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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