Thursday 7 January 2016

पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से बिन्द टोली को नहीं बचा सका

गंगा मइया और दबंग भट्टेदारों को बिन्द टोली को बचाया
पटना। बिन्द टोली में रहते हैं गिरजा महतो। इनकी आयु 70 साल है। इनका कहना है कि बगल में गंगा नदी है। उफान के समय टोली को बचाया जाता रहा है। ठीक बगल में ही दबंग लोग भट्टा चलाते थे। हमलोगों ने ऐसे लोगों से नाश होने से बिन्द टोली को बचाया है। मगर पूर्व रेलवे परियोजना और दीघा से दीदारगंज तक बनने वाली सड़क से नहीं बचा सके। हमलोग पिछड़ी जाति के बिन्द समुदाय के लोग हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करते हैं। महाजनों से व्याज पर ऋण लेकर मालगुजारी पर खेती करते हैं। 3 से 6 हजार रू0 बीघा खेत लेकर खेती करते हैं। भारतीय कृषि जुआ है। इस जुआ के बल पर परिवार और घर निर्माण किया जाता है। तिनका-तिनका छोड़कर घर निर्माण करने से घर टूट रहा है। घर में लगी रकम बर्बाद हो गयी। अब नये सिरे से जीवन कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में करना है। इस समय घर तोड़ना और समानों को नये ठौर तक पहुंचा है। आवाजाही करने से समय निकल जा रहा है। हमलोग सभी लोग लगे हैं। खेत अथवा रोजगार में नहीं जा रहे हैं। आमदनी अठन्नी और खर्च रूपया हो रहा है। अभी भूखों मरने की स्थिति है। सरकार को कम से कम 50 किलोग्राम चावल और उतने ही गेहूं देना चाहिए। तब जाकर भूखे बाल-बच्चा नहीं बिलबिलाएंगे। हमलोग 10 साल पीछे चले गए हैं। सरकार द्वारा जमीन देने से क्या होता है। जमीन पर घर बनाना है। सरकार को इंदिरा आवास योजना से घर निर्माण करा देना चाहिए। ऐसा कर देने से हमलोग पटरी पर आ जा सकते हैं। अभी तो पेट पालना और घर बनाना मुश्किल है।


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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