अहिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय नाट्य कला कार्यशाला
10 दिवसीय कार्यशाला का समापन 12 फरवरी को
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए प्रख्यात गांधीवादी एवं एकता परिषद के
संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. ने कहा कि पूरी दुनिया में अलग-अलग जगहों पर उभरती हुई
छोटी हिंसा को खत्म करने के लिए बडी हिंसा का उपयोग, एक सिद्धांत बनता जा रहा है। हिंसा को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर
हिंसा का उपयोग अगर लोग करते रहे, तो हमारी
दुनिया का विनाश हो सकता है। उन्होंने कहा कि कहीं भी आग लगती है तो उसे बुझाने
में पानी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ठीक इसी तरह हिंसा को खत्म करने के
लिए अहिंसा की ओर कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस नाट्य
कार्यशाला से प्रशिक्षित युवा अहिंसापूर्वक आगे बढ़ते हुए अपनी कार्यप्रणाली में
बदलाव लाकर शांति एवं समानता पर आधारित समाज निर्माण में भूमिका निभाएंगे।
कार्यशाला में जर्मनी और स्वीट्जरलैंड से आए युवा कलाकारों के मुखिया
तोबियास ने कहा कि दुनिया में शांति लाने के लिए हम लोगों को आपस में कला और
अहिंसक संस्कारों का आदन-प्रदान करना बहुत जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में
कटनी महापौर शषांक श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शांति के
लिए काम करने वाले लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्यशाला का आयोजन
अच्छे समाज के निर्माण के लिए नींव के पत्थर की भूमिका अदा करेगा। कार्यशाला पहले दिन पूर्व विधायक सुनिल मिश्रा,
पूर्व विधायक के.के. सिंह, एकता महिला मंच की नेत्री जिल बहन, नाट्य कला प्रशिक्षक जितेन्द्र पटनायक, गौरी कुलकर्णी एवं एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक अनीष
कुमार ने संबोधित किया।
अनीष कुमार,
राष्ट्रीय समन्वयक,
एकता परिषद
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