Monday 15 February 2016

अब गीता ‘ओझाओं’ के चक्कर में पड़ गयी

 एम्स जाने के पहले ही 7 हजार रू0 खर्च कर दी

एम्स जाने पर सर्जरी के बाद मेडिकल में गीता को दिखाना था

पटना। पटना जिले के नौबतपुर लख पर रहती हैं गीता कुमारी(18 साल)। वह 6 माह से बुखार से पीड़ित हैं। दोपहर में बुखार हो जाता है। बलगम में खून नहीं आता है। एक्स-रे नहीं किया गया है। इधर घुटने में सूजन हो जाने के बाद एम्समें गीता कुमारी को दिखाने के लिए कागज बनाया गया। पंजीयन करने वालों ने गीता कुमारी को गीता देवी लिख दिया। पहले सर्जिकल क्लिनिक में जाकर दिखाना था। इसके बाद मेडिकल क्लिनिक में दिखाना था। मगर गीता कुमारी के परिजन सर्जिकल और मेडिकल क्लिनिक में दिखाया नहीं और घर चले आये।

इसके बाद किसी जगह न्यूट्रीशन सेन्टर में चले गये। वहां पर 4590 रू0का टॉनिक लिख दिया। इसमें न्यूट्रीशन वाली दवाई और पावडर है। इसके बाद सेन्टर ने रक्त जांच करने वाले के पास भेज दिया। गीता कुमारी को 9.2 ग्राम हिमोग्लोबिन है। कई प्रकार की रक्त जांच करने में 2025 रू0 खर्च कर दी।

इतना करने के बाद नौबतपुर लख पर से गीता कुमारी को लेकर परिजन पटना आ गये। उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के एल0सी0टी0घाट मुसहरी में आ गयी। यहां पर महिला भक्तिनी से मिली। महिला भक्तिनी कहने लगी कि अब झारफूक करने वाली शक्ति नहीं है। उसके कहने पर गीता कुमारी को नेहरू नगर लिया गया। वहां पर भगत से दिखाया जाएगा।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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