Tuesday 23 February 2016

बिहार को विभक्त करने में जुटे

 पटना। भारत निर्वाचन आयोग से पंजीकृत है बज्जिकांचल विकास पार्टी। यह बज्जिकांचल के सर्वागीण विकास के लिए समर्पित एकमात्र राजनीतिक दल है। इसका केन्द्रीय कार्यालय है सहजानंद नगर,भगवान,एन0एच0-28,मुजफ्फरपुर। आज मंगलवार को बिहार विधान सभा के समक्ष गर्दनीबाग में बज्जिकांचल विकास पार्टी के बैनर तले बज्जिकांचल राज्य निर्माण की मांग को लेकर महाधरना दिया गया। इसे बज्जिकांचल राज्य संकल्प सत्याग्रह कहा गया।

मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो0 देवेन्द्र राकेश ने बज्जिकांचल राज्य निर्माण के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बज्जिकांचल (उत्तर बिहार) के अधिकांश भू-भाग विदेशी सीमा से जुड़ा है तथा भरपूर प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद भी यहां का जनजीवन अत्यंत पिछड़ा हुआ है तथा यहां की 72.53 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने को विवश हैं। बज्जिकांचल की समृद्धि तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बज्जिकांचल (उत्तर बिहार) को पृथक प्रदेश बनाना जरूरी है। विश्व का पहला गणतंत्र वाला भू-भाग‘बज्जिकांचल (उत्तर बिहार)’जो कभी समृद्ध ,समुन्नत , लोकतांत्रिक देश था। आज भारत संघ में एक प्रदेश भी नहीं है। जबकि लोकतांत्रिक भारत के संविधान के तहत इसे पहला राज्य बनाया जाना चाहिए था जो आज 29 वंा राज्य भी नहीं है। यह लोकतंत्र के इतिहास का अपमान तथा बज्जिकांचल की अस्मिता को विलुप्त करने का राजनीतिक षड्यंत्र है। यह उपेक्षा ही हमारे पिछड़ेपन का कारण है। बज्जिकांचल का सर्वागीण विकास इसके पृथक बने बिना कदापि संभव नहीं है। इस क्षेत्र के समुचित विकास तथा लोकतंत्र की जननी की धरती के सम्मान के लिए इसे पृथक बज्जिकांचल राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित राज्य में बिहार राज्य(उत्तर बिहार) के 21 जिले,151 विधान सभा क्षेत्र तथा 25 लोकसभा क्षेत्र होंगे तथा इसकी जनसंख्या 5.50 करोड़ से अधिक ही है।

इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें उत्तर बिहार के 21 जिलों को मिलाकर पृथक बज्जिकांचल राज्य बनाने की मांग के अतिरिक्त बज्जिकांचल के किसानों को कृषि ऋण माफ कर प्रतिवर्ष कृषि अनुदान देने, किसानों एवं कृषि मजदूरों को साठ वर्ष की उम्र हो जाने पर पेंशन देने, मनरेगा की 50 प्रतिशत राशि कृषि कार्य में खर्च करने,शिक्षा ऋण माफ कर प्रतिवर्ष शिक्षा अनुदान देने, शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने, बज्जिका अकादमी की स्थापना करने बज्जिका, अंगिका तथा भोजपुरी को संविधान की अष्टम् सूची में शामिल करने,प्राथमिक स्तर से विश्वविघालय स्तर तक बज्जिका के पठन-पाठन कराने, मुजफ्फरपुर को हवाई मार्ग से जोड़ने, मुजफ्फरपुर में पटना उच्च न्यायालय का खंडपीठ स्थापित करने तथा बंद पड़े चीनी मिलों को चालू करने की मांग की गयी।


मौके पर पार्टी के केन्द्रीय महासचिव जय नारायण साह, सुनीता सोनी, जगदीश प्रसाद, आलोक कुशवाहा, सुरेन्द्र ठाकुर,दीन बंधु सिंह, देवेन्द्र सिंह,त्रिपुरारी पाठक,कृण कुमार गुप्ता,रश्मि देवी राम आदि मुख्य वक्ताओं ने संबोधित किये। 


बज्जिकांचल राज्य के प्रस्तावित जिलेः पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया,सुपौल, दरभंगा,मधुबनी और सीतामढ़ी।



आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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