Friday 11 March 2016

पापा कहते हैं, बेटा बड़ा नाम करेंगा


स्व0 कालीचरण मांझी की पुत्रवधु
पटना। पटना नगर निगम में है गोसाई टोला मुसहरी। महादलित मुसहर समुदाय के दर्जनभर लोग रहते हैं। इन्दिरा आवास योजना से मकान निर्माण हुआ है। इस योजना से अभिभावकों को मकान निर्माण करने की राशि मिली थी। अब उनके बच्चों के नाम से मिल रहा है। मिली राशि से द्वितीय तल्ला पर घर बना रहे हैं।

कालीचरण मांझी का भी है मकानः कालीचरण मांझी की पत्नी दौलती देवी है। दौलती देवी को मिर्गी बीमारी हो गयी थी। मुसहरी के कुआं में गिर गयी। किसी तरह से जान बचाया गया। इस बीच दोनों के सहयोग से जीर्वित दर्जनों बच्चे हुए। दुर्भाग्य से उन बच्चों में (12 बच्चों) 1 ही जिन्दा है। शेष परलोक सिधार चुके। इस संदर्भ में महादलितों का कहना है कि जब दौलती देवी गर्भधारण होती थीं,तब से ही पति उपेक्षा करने लगते थे। दौलती देवी को छोड़कर चले जाते थे। अभाव में दौलती देवी का बच्चा होता था। कुछ दिनों के बाद भगवान के घर चला जाता था। इसके बाद दौलती देवी का भी निधन हो गया। 

कालीचरण की मां ने गनौरा को बड़ा कर  दीः जन्म देने के बाद मां की मौत हो गयी। इस अवस्था में कालीचरण की मां गनौरा का दादी मां बन गयी। रद्दी कागज चुनने जाती और बेचने के बाद गनौरा का दूध खरीद लाती और उसके बल पर जिदंगी बचा पायी। 

और वह बड़ा हो गयाः दादी मां की सेवा पर गनौरा मांझी बड़ा हो गया। बड़ा होने पर गनौरा का विवाह भूतनाथ रोड में स्थित मुसहरी में रहने वाले महादलित परिवार की बेटी के संग कर दिया। शादी के बाद गनौरा ससुराल में ही रह गया। पुत्र और पुत्रवधु को देखने कालीचरण मांझी भूतनाथ रोड स्थित मुसहरी में जाते थे। वहां पर मजे से रहते थे। वहां से लौटकर आने के बाद कहते कि मेरा बेटा बड़ा नाम करेगा। वह बहुत ही अच्छा है। दोनों बहुत सेवा करते हैं। दवा-दारू भी करते हैं। शराब पीने के बाद कालीचरण बीमार पड़ने लगा था। सांस लेने में दिक्क्त होने लगी। अन्ततः इसी बीमारी के कारण चल बसा। 

अभी गनौरा के तीन बच्चे हैंः भूतनाथ नगर स्थित मुसहरी से सपरिवार गनौरा गोसाई टोला आ गया है। वह रद्दी कागज आदि चुनता है। तीन बच्चे हैं। सभी छोटे-छोटे बच्चे है। बच्चों की मां अच्छी तरह से परिवरिश करती हैं। इस बीच गनौरा के चचेरा भाई सुरेश मांझी और शशि मांझी जमीन हथियाने की साजिश करने लगे हैं। उसके हिस्से की जमीन हड़पना चाहते हैं। शराब पीकर सुरेश मांझी कहते हैं कि हम हथियाने के मूड में नहीं है। शशि मांझी मन बना लिया है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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