Sunday 27 March 2016

ईसाई समुदाय द्वारा गुड फ्राइडे मनाया गया



पटना। कुर्जी, पटना के ईसाई समुदाय द्वारा आज ईसा मसीह के क्रूस मरण की याद में गुड फ्राइडे का शोकाकुल त्योहार मनाया गया।

आज प्रातः 6.00 बजे होली क्रॉस कोन्वेन्ट, फेयरफील्ड कोलोनी, दीघा से श्री विक्टर फ्रान्सिस एवं उनके सहयोगियों द्वारा एक झाँकी निकाली गई, जो दानापुर-गाँधी मैदान मुख्य मार्ग से गुजरती हुई चर्च के प्राँगण तक पहुँची। श्री विक्टर फ्रान्सिस ईसा मसीह की भूमिका निभाते हुए अपने कंधे पर क्रूस लिए सड़क पर चलते रहे। रोमी सिपाहियों के रूप में कुर्जी युवा संघ के सदस्य ईसा को कोड़ों और भालों से मारते, धक्का देते हुए आगे बढ़ने को विवश करते दिखें। कई ईसाई एवं गैर ईसाई इस झाँकी में गमगीन दिखें। इन करूणानार्द्र दृश्यों को देख ज्यादातार भक्तों की आँखें नम हो गईं।

इस प्रकार का आयोजन कुर्जी पल्ली में विगत चार वर्षों से किया जारहा है। गिरजा के प्राँगण में लगभग 5,000 से अधिक भक्तगण इस झाँकी में शरीक हुए,जहाँ एक बड़े मंच पर ईसा के क्रूस मरण की पूरी घटना को चौदह मुकामों में दर्शाया गया। प्रत्येक मुकाम के बाद सामुहिक प्रार्थना की गई, ताकि हमारे देश में, विशेष कर हमारे प्रान्त में सुख-शान्तिऔर समृद्धि बनी रहे, मानवता कायम रहे तथा आपसी सहयोग की भावना प्रबल हो। इन झाँकियों को देख कर अधिकांश लोगों ने अपने जीवन को सुधारने का प्रण लिया।

विक्टर फ्रान्सिस के अलावे लगभग 20 लोगों ने इस झाँकी में भाग लिया, जिनमें मरियम की वेष में नीलम, वेरोनिका के वेश में वेरोनिका, पिलातुस की भूमिका में स्टीफन लूकस, सिमोन सिरीनी के रूप में सिरिल एवं चार्ली। सिपाही की भूमिका में विनय पंचम, प्रदीप शाह, नीरज, शैलेश, नीतेश, रंजीत इत्यादि ने मर्मस्पर्शी अभिनय किया। इस झाँकी के संचालक फादर दोमनिक, क्लारेंस हेनरी एवं संध्या ओस्ता थे।

गुड फ्राइडे की प्रार्थना सभा में दोपहर 4ः00 बजे धर्मविधियाँ प्रारम्भ हुई, जिसका नेतृत्व फा॰सुशील साह, ये॰स॰ ने किया। दोपहर की इन धर्मविधियों में करीब 5,500 लोगों ने भाग लिया। इन पावन पूजन विधियों में ईसा के अन्तिम भोजन के बाद से मृत्यु और दफन क्रिया तक के घटना-क्रमों को पवित्र बाइबिल से पढ़ कर सुनाया गया। अपने उपदेश में फादर जॉनसन ने ईसा के उस उत्कृष्ट प्रेम का हवाला देते हुए उनके निःस्वार्थ प्रेम के बारे में समझाया। इसके बाद पवित्र क्रूस की उपासना की गई। साल भर में पवित्र शुक्रवार और पवित्र शनिवार को मिस्सा-पूजा नहीं होती है। इसलिए केवल परमप्रसाद बाँटा गया। धर्मविधियों की समाप्ति के बाद भी भक्तगणों ने पवित्र क्रूस की उपासना जारी रखी।

ईश पुत्र ईसा इस दुनिया में प्रेम और अमन का सन्देश लेकर आए। उनके जीवनदायी सन्देशों कोजो ग्रहण नहीं कर सके, उन्होंने ईसा को अपने प्रतिद्वंदी के रूप में देखा और उन्हें किसी भी तरह समाप्त करने की कोशिश में लगे रहे। ईसा के पार्थिव जीवन के अन्तिम एक सप्ताह को दुनिया भर के सभी ईसाई पवित्र सप्ताह के रूप में मनाते हैं। यह खजूर रविवार से ईस्टर रविवार तक की अवधि है।

इसी सप्ताह के गुरुवार को पुण्य बृहस्पतिवार कहते हैं, जहाँ ईसा नेअपने शिष्यों के साथ अन्तिम भोजन किया, जिसकी याद की जाती है। इस वर्ष पुण्य बृहस्पतिवार 24 मार्च को पड़ा। इस भोजन के समय उन्होंने अपने शिष्यों के पैर धो कर प्रेम और सेवा का महान पाठ पढ़ाया। इसकी यादगारी में कुर्जी चर्च के पल्ली पुरोहित फादर जॉनसन, ये॰स॰ ने अपने पल्ली के छः वयोवृद्ध दम्पत्तियों के पैर धोए।यह समारोह कल शाम 5.00 बजे प्रारम्भ हुआ। कल की धर्मविधियों में करीब 5,500 लोगोंने भाग लिया।

फादर जॉनसन, ये॰स॰
पल्ली पुरोहित

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