Tuesday 8 March 2016

ईसाई संस्थाओं में बपतिस्मा प्रमाण-पत्र देने की मांग


इसी प्रमाण-पत्र के आलोक में नौकरी से रिटायर करते

इसका जर्बदस्त विरोध होने पर रूक गयी मांग

पटना। ईसाई धर्म में सात संस्कार है। बपतिस्मा संस्कार,पापस्वीकार संस्कार,परमप्रसाद संस्कार,दृढ़करण संस्कार,विवाह संस्कार,पुरोहिताभिषेक संस्कार और अंतमलन संस्कार। बपतिस्मा संस्कार करके ही ईसाई धर्म स्वीकारा जाता है। इस संस्कार को ग्रहण करने के बाद प्रमाण-पत्र मिलता है। इसमें अंकित जन्मतिथि को आधार बनाकर मिशनरी स्कूलों में बच्चों को नामांकन किया जाता था और तो और नौकरी से रिटायर भी कर दिया जाता था। इसका जर्बदस्त विरोध करने के बाद मिशनरी स्कूलों में बच्चों का नामांकन करते समय बपतिस्मा प्रमाण-पत्र देने की मांग रोक दी गयी। इसके अलावे वैकल्पिक प्रमाण-पत्र देने को कहा गया। नगर निगम, हॉस्पीटल,कोर्ट आदि से प्रमाणित प्रमाण-देने को कहा गया। मगर मिशनरी संस्थाओं में नौकरी से हटाते समय बपतिस्मा प्रमाण-पत्र में उल्लेखित जन्मतिथि को ही मान्य किया जाता है। अगर स्कूल द्वारा प्रेषित प्रमाण-पत्र में उल्लेखित जन्मतिथि को मान्य नहीं करते हैं। 
अब दी पटना पैरिश थिप्ट एण्ड क्रेडिट का-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा सदस्य बनाने के समय में ईसाई समुदाय से बपतिस्मा प्रमाण -पत्र और अन्य से स्थायी नौकरी करने की प्रमाणित पत्र देने को कहा गया है। ईसाई समुदाय के साथ दोगली व्यवहार क्यों?


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।

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