Monday 7 March 2016

ईमेल का आविष्कार करने वाले अमेरिकी प्रोग्रामर रे टॉमिल्सन का निधन

अमेरिका। ईमेल का आविष्कार करने वाले अमेरिकी प्रोग्रामर रे टॉमिल्सन का निधन हो गया है। वह 74 वर्ष के थे।  वर्ष 1971 में टॉमिल्सन ने किसी एक नेटवर्क पर विभिन्न मशीनों के बीच सीधे इलेक्ट्रॉनिक संदेश भेजने का आविष्कार किया था। उससे पहले, इससे एक ही कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हुए दूसरों के लिए संदेश लिख सकते थे।

उनके नियोक्ता रेथियॉन ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी के सच्चे पुरोधा रे ने नेटवर्क वाले कंप्यूटरों के शुरुआती दिनों में हमें ईमेल दिया।’     उन्होंने कहा, उनके काम ने दुनिया का बातचीत का तरीका बदल दिया। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि टॉमिल्सन का निधन शनिवार को हुआ और उनके निधन की वजह की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है।

टॉमिल्सन को दुनियाभर से श्रद्धांजलि दी गई।  गूगल की जीमेल टीम ने ट्वीट किया, ‘ईमेल के आविष्कार और नक्शे पर एट रेट का चिह्न लगाने के लिए शुक्रिया, रे टॉमिल्सन। हैशटैग आरआईपी।’   इंटरनेट के जनकों में से एक माने जाने वाले विंट सर्फ ने टॉमिल्सन के निधन की ‘बेहद दुखद खबर’ पर शोक जाहिर किया। विंट यूएस डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के प्रबंधक रहे हैं।

टॉमिल्सन ने जब ईमेल पतों के लिए एट द रेट का आविष्कार किया तो उसे डीएआरपीए के एरपानेट पर लगाया गया था। वह ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने एट द रेट चिह्न का इस्तेमाल किसी यूजर को अपने होस्ट से अलग करने के लिए किया।
मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्नातक ने अपने ब्लॉग पर अपने आविष्कार के बारे में विस्तार से लिखा था। उनका कोशिश थी कि तथ्य पीछे न छूट जाएं।

उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा था, ‘पहला संदेश दो मशीनों के बीच भेजा गया। ये मशीनें एरपानेट के जरिए एक दूसरे के एकदम पास रखकर जोड़ी गई थीं।’ ‘मैंने एक मशीन से दूसरी मशीन पर खुद को ही कई संदेश भेजे। वे संदेश अब मैं भूल चुका हूं।’ 

टॉमिल्सन ने अंग्रेजी भाषा के की बोर्ड में शुरुआती अक्षरों का संदर्भ देते हुए कहा था कि ‘संभवत’ पहला संदेश क्यूडब्ल्यूईआरटीवाईयूआईओपी या कुछ ऐसा ही था।श्श्   उन्होंने लिखा था, ‘जब मुझे संतुष्टि हो गई कि यह प्रोग्राम कारगर है, तब मैंने अपने बाकी समूह को संदेश भेजा, जिसमें बताया गया कि किस तरह से संदेशों को पूरे नेटवर्क पर भेजा जाए। नेटवर्क ईमेल के पहले इस्तेमाल में इसके अपने अस्तित्व पर ही बात की गई।’

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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