मिशनरी कर्मचारियों को अधिक वेतन देने पर नहीं देते जोर
पटना। आजकल मिशनरियों द्वारा चंदा लेने पर जोर दिया जाता है। इसका नजारा चर्च के अंदर दिखता है। वहां पर जितनी प्रतिमाएं है उतने ही चंदा बॉक्स रखा जाता है। उसके अलावे घूम-घूमकर चंदा भी वसूला जाता है। इस तरह एक सप्ताह में 10 हजार रू0से अधिक चंदा संग्रह हो जाता है। वहीं मिशनों में कार्यरत कर्मियों को बहुत ही कम वेतन दिया जाता है। बिहार सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी को वेतन का रूप देते हैं और उसी को कर्मियों को देते हैं। अब तो संविदा पर भी बहाल करने लगते हैं। अल्पवेतनभोगी उसी राशि से परिवार की नाव पार लगाते हैं। उनको बाध्य होकर अल्पवेतन में से ही चंदा देना पड़ता है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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